घोड़ा एक पालतू जानवर
Horse ek Paltu Janwar
घोड़ा एक बलशाली चौपाया जानवर है। कुत्ते की तरह यह भी बड़ा वफादार जानवर है। घोड़े इन्सान के सच्चे मित्र होते हैं। उनका प्रयोग घुडसवारी घुड़दौड़ आदि के लिये भी किया जाता है। घोड़े गाड़ी और खेत जोतने के भी काम आते हैं। पुराने ज़माने में युद्ध में भी घोड़ों का प्रयोग किया जाता था।
घोड़ा बहुत तेज़ और शक्तिशाली जानवर होता है। यह बहुत तेजी से बहुत लम्बी दूरी तक दौड़ सकता है। इतिहास घोड़ों की वफ़ादारी की कहानियों से भरा पड़ा है जिन्होंने अपने मालिक की जान बचाई और समय-समय पर सहायता की। भारतीय लोगों के लिये चेतक घोड़े का नाम नया नहीं है। जिसने जान देकर भी अपने मालिक महाराणा प्रताप की जान बचाई। ऐसा कहा जाता है कि नेपोलियन घोड़े की पीठ पर ही सोया करता था।
अरब देश के घोड़े संसार में प्रसिद्ध हैं। ज्यादातर इनका प्रयोग घुड-दौड़ में किया जाता है। घोड़ों के विषय में एक विशेष बात यह है कि ये कभी नहीं बैठते सदैव खड़े रहते हैं और खड़े-खड़े ही सोते हैं।
इन्सान के घोडों के लिये प्यार से सभी अवगत हैं। घोड़ा पहले एक जानवर था, इन्सानों ने उन्हें पालतू बनाया। अमेरिका के कई हिम्मों में आज भी जंगली घोड़े देखे जा सकते हैं।
घोडे कई प्रकार के होते हैं। कुछ घोड़े बहुत लम्बे-ऊंचे होते हैं व कुछ मोदी कद-काठी के होते हैं। छोटे घोड़ों को ‘खच्चर’ कहते हैं। ये अधिकतर पहाडी स्थानों पर पाये जाते हैं। घोड़े सफेद, काले, भूरे रंगों के होते हैं। इनकी पूँछ, बालों का एक गुच्छा होती है।
घोड़े घास खाते हैं मगर वे चने और चने की पत्तियाँ बहुत पसन्द करते हैं। घोड़े की खूबसूरती एवं खूबियों का मुकाबला करने वाला अन्य कोई जानवर नहीं है।