हवामहल
Hawa Mahal
हवामहल को हवाओं का महल भी कहते हैं। यह जयपुर का एक सुविख्यात स्मारक है। यह एक हवादार और प्रकाशवान इमारत है। यहाँ । हल्की-सी हवा भी बहुत मधुर लगती है। यह इमारत अत्यधिक चहल-पहल वाले जौहरी बाज़ार के बिल्कुल मध्य में है। इसके नजदीक एक बड़ी चौपड़ है। लाल पत्थरों से बनी लाल और गुलाबी रंग की यह इमारत जयपुर के स्वर्णिम इतिहास का स्मरण कराती है।
जयपुर का हवामहल सिटी पैलेस के नज़दीक है जहाँ जयपुर के अंतिम महाराजा का परिवार आज भी रहता है। सन् 1799 में इसे महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और लाल चंद उस्ता ने उसकी रूपरेखा तैयार की थी। यह दूर से देखने पर महल सदृश दिखता है। इसके बड़े-बड़े हवादार कमरे जो यदि हम इसे नज़दीक से देखते हैं तो हमें ज्ञात होता है कि यह एक जनानाघर (अंत:पुर) है जो शाही महिलाओं (रानी आदि) के लिए था। इस इमारत के पीछे से सड़क भी नज़र आती है।
हवामहल पाँच मंजिला है। इसमें 953 छोटी-छोटी खिड़कियाँ हैं जो सडक की तरफ खुलती हैं। इन खिड़कियों से होकर ठण्डी हवा महल तक जाती है। गर्मी के महीनों में यहाँ पर हवा गर्म नहीं होती, बल्कि ठण्डी होती है।
हवामहल का प्रवेश द्वार (दरवाज़ा) आँगन में खुलता है। यह तीन तरफ से द्विमंज़िला है तथा पूर्वी तरफ से तिमंजिला (तीन मंज़िल का) है। इसमें एक कमरा बहुत विशाल है। सबसे ऊपर की मंज़िल पर जाने के लिए कोई सीढ़ी नहीं है, केवल ढलान है।
हवामहल आज भी एक पहेली बना हुआ है। कोई नहीं जानता कि इसे क्यों बनवाया गया था? महाराजा सवाई प्रताप सिंह, जो एक राधा-कृष्ण के भक्त थे, उन्होंने सुझाव दिया कि यह महल उनके इष्टदेव राधा-कृष्ण को समर्पित कर दिया जाए।
कुछ विद्वानों का मत है कि हवामहल शाही परिवार की स्त्रियों के लिए बनवाया गया था। जिससे वे हवामहल में बैठकर ठण्डी हवा ले सकें और नीचे आने-जाने वालों को केवल वे ही देख सकें। इस हवामहल की यही विशेषता है कि इसमें बैठने वाले को नीचे से कोई नहीं देख सकता, परंतु इसमें बैठने वाला सबको देख सकता है। शाही स्त्रियाँ (राजा की रानियाँ आदि) हवा महल की नक्काशीदार बालकनी में बैठकर शाही परेड तथा उत्सवों को बड़े आराम से देखती थीं, परंतु उनको कोई नहीं देख पाता था।
हवामहल देखने के लिए सोमवार के दिन कोई शुल्क नहीं लगता। सोमवार को यह दोपहर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे तक खल. है और शुक्रवार को बंद रहता है। यहाँ पर कैमरा, वीडियो आदि ले जा का अतिरिक्त शुल्क लगता है।
अतः हवामहल एक अद्भुत और अनुपम स्मारक है जिसे सैकटी पर्यटक प्रतिदिन देखने आते हैं।