हमारे विद्यालय का चपरासी
Hamare Vidyalaya ka Chaprasi
हमारे विद्यालय के चपरासी का नाम मणिराम है। वह उत्तर प्रदेश का ने वाला है। वह अधिक लम्बा नहीं है पर स्वस्थ और चुस्त है। अपनी साफ़ और माँडी लगी वर्दी में वह प्रभावशाली लगता है। वह टोपी भी पहनता है।
मणिराम विवाहित है और उसके दो बच्चे हैं। उसका परिवार उसके साथ यहाँ नहीं रहता। वे उत्तर प्रदेश के अपने गाँव में रहते हैं। वह विद्यालय में ही एक छोटे से कमरे में रहता है।
दिन में वह चपरासी का काम करता है और रात को चौकीदार का काम करता है। विद्यालय में वह दो कक्षाओं के बीच ठीक समय पर घंटी बजाता है। सुबह विद्यालय के प्रारम्भ होने से पूर्व वह कमरों की सफाई करता है और कुर्सी-मेज झाड़ता है।
विद्यालय का पूरा स्टाफ उसे पसन्द करता है। सभी विद्यार्थी उसे प्यार करते हैं और उसके साथ हंसी-मज़ाक करते रहते हैं। वह भी हर समय उनकी सहायता करने के लिये तैयार रहता है। एक बार जब मैं विद्यालय में बीमार हो गया तो वह मुझे घर तक छोड़ने आया।
वह एक हँसमुख इन्सान है जो हर समय मुस्कुराता रहता है। हालांकि उसका वेतन बहुत ज्यादा नहीं है मगर वह उसमें से पैसे बचाकर गांव में अपने परिवार को भेजता है।