फुटबॉल का एक मैच
Football ka ek Match
मेरे पिताजी अपने समय के फुटबॉल के बड़े अच्छे खिलाडी रहे है. अपनी युवा अवस्था में वह अपनी कॉलेज टीम के कप्तान थे। वह टीवी या अपने शहर में होने वाले किसी भी फुटबॉल मैच को देखना कभी नही चूकते।
पिछले रविवार मैं उनके साथ एक मैच देखने गया। यह दिल्ली में अम्बेडकर स्टेडियम में खेला जा रहा था। भारतीय टीम को दक्षिण कोरिया से आई टीम के विरुद्ध खेलना था। टिकट खरीदने के बाद हमने स्टेडियम में जाकर अपनी-अपनी सीट ले ली।
खेल प्रारम्भ होने तक स्टेडियम पूरा भर गया था। अक्टूबर माह का यह एक सुहावना दिन था। खिलाड़ी अपनी-अपनी वर्दी में बहुत चुस्त और उत्साहित लग रहे थे। शीघ्र ही मैच प्रारम्भ हो गया।
कोरिया की टीम ने बहुत अच्छा खेलते हुये दस मिनट के अन्दर पहला गोल दाग दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने पूरी निष्ठा से खेलते हुये हाफ टाइम से पूर्व एक गोल करके बराबरी कर ली।
पुन: खेल आरम्भ होने के पाँच मिनट के भीतर कोरिया की टीम ने दूसरा गोल कर दिया. उनकी टीम का आपसी तालमेल एवं शूटिंग प्रशंसनीय थी। उनकी गति एवं कुशलता का मुकाबला करना भारतीय टीम के लिये कठिन था।
खेल एक तरफा लग रहा था मगर भारतीय खिलाड़ियों ने अपना पूरा प्रयास किया। भारतीय टीम 1 : 4 से हार गयी। कोरिया की टीम का खेल देखने लायक था।
मेरे लिये यह एक बढ़िया अनुभव था जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊँगा।