फतेहपुर सीकरी
Fatehpur Sikri
फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित है। सन् 1571 से 1585 तक यह मुगल सम्राट अकबर के शासन काल में भारत की राजधानी थी। बाद में जल के अभाव के कारण उसे छोड़कर आगरा किले आ गए थे। जब खानवा में (आगरा से 40 कि.मी. दूर) बाबर ने राणा सांगा को हरा दिया तो अकबर ने इस स्थान पर अपना मुख्यालय बनाकर उसका नाम फतेहपुर सीकरी रख दिया।
अकबर के कोई संतान नहीं थी। सूफी संत सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से उनके घर सलीम का जन्म हुआ, जो बाद में जहाँगीर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। फिर अकबर ने 1571 में सलीम चिश्ती की दरगाह (मज़ार) बनवाई, जहाँ आज भी लोग मन्नत मांगने आते हैं। फतेहपुर सीकरी में अनेक महल, बड़े-बड़े कमरे (हॉल) और मस्जिदें हैं। यह यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट में भी रिकॉर्ड है। ये वही स्थान है जहाँ तानसेन जैसे महान संगीतकार बैठते थे, जो अकबर के नवरत्नों में से एक थे। यह ऐतिहासिक इमारत गुजराती तथा बंगाली वास्तु-शिल्पकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
यहाँ प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं, जो नौबतखाना देखते हैं, जहाँ अकबर के शासनकाल में विशिष्ट अतिथि के आगमन पर सबको ढिंढोरा पीटकर बताया जाता था। दीवान-ए-खास देखते हैं, जो व्यक्तिगत तथा विशेष श्रोताओं के लिए था। यह अपने 36 स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है। दीवान-ए-आम देखते हैं, जो आम श्रोतागणों के लिए था। जहाँ मुगल सम्राट अकबर आम जनता से रूबरू होते थे।
फतेहपुर सीकरी में पर्यटक बीरबल का घर देख सकते हैं, जो अकबर का सबसे प्रमुख मंत्री था और जिसके किस्से पूरी दुनिया में मशहूर हैं। बीरबल के घर की खासियत उसके सुन्दर छज्जे हैं। यहाँ मरियम-उज-जमनी का महल है, जिसमें गुजराती शैली देखने को मिलती है। यहाँ पचीसी कोर्ट है। यहाँ एक विशाल आकार का बोर्ड गेम (आज का लूडो) है। यहा एक चार चमन टैंक है। एक पंच महल है। जो कभी पाँच मंजिला महल था जिसके नीचे फर्श पर 176 स्तंभ हैं जिन पर मुगल काल की चित्रकारी है।
यहाँ सबसे अद्भुत और आश्चर्यजनक बुलन्द दरवाज़ा 53.5 मीटर ऊँचा है। ये भारत का सबसे ऊँचा दरवाज़ा है। अकबर ने इसको गुजरात में खानदेश की विजय के उपलक्ष्य में बनवाया था।
फतेहपुर सीकरी एक अद्भुत और अनुपम पर्यटन स्थल है। देश-विदेश से पर्यटक इसे देखने आते हैं।