सर्कस देखना
Circus Dekhna
सर्कस देखना सदैव रोमांचक होता है। पिछले रविवार मैं अपने पिता के साथ सर्कस का सायंकालीन शो देखने गया। मैंने सर्कस के आयोजन के बारे में बहुत कुछ सुना और पढ़ा था किन्तु मैं आज तक कभी गया नहीं था।
एक बड़े टेन्ट के नीचे सर्कस का आयोजन एक बड़े और खुले मैदान में किया गया। रंगीन, चमकदार बल्बों से पूरा सर्कस का आयोजन स्थल जगमगा रहा था जो एक परीलोक की तरह लग रहा था। सर्कस देखने के लिये बहुत से लोग एकत्र हुये थे।
टिकट खरीदने के बाद, हमने विशाल टेन्ट में प्रवेश किया। सर्कस शो सायं 7 बजकर 30 मिनट पर प्रारम्भ हुआ। जैसे ही हम सब अपनी कुर्सियों पर बैठे तो बैंड एक धुन बजाने लगा और तीन जोकर अनोखे कपड़े पहने हुये आये। उन्होंने निराली हरकतें करके हम सबको हँसाया। इसके पश्चात् सर्कस के कलाबाजों ने कई करतब दिखाकर हमें रोमांचित कर दिया। उनकी हैरतअंगेज क्रियाओं से हमारी सांसें रुक गयीं। रंग बिरंगे चुस्त कपड़ों से सजी युवा लड़कियों से मैं बहुत प्रभावित हुआ। कई लड़कियों ने हवा में बंधी रस्सी पर एक पहिये की साइकिल चलाई।
इसके बाद हाथी, शेर, चीते, घोड़े एवं बन्दरों ने हमें प्रभावित करने के लिये कई रोमांचक क्रियाओं का प्रदर्शन किया। मेरे लिये यह एक नया एवं हैरान करने वाला अनभव था। मैं इस रोमांच को जीवन में कभी नहीं भूल पाऊंगा।