ऊँट रेगिस्तान का जहाज़
Camel Registan ka Jahaz
ऊँट एक विशाल, ऊँचा जानवर है। यह रेगिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है। ऊँट को ‘रेगिस्तान का जहाज’ भी कहते हैं।
जिस तरह जहाज पानी पर तैरता है उसी तरह ऊँट आसानी से रेगिस्तान को पार कर लेता है। प्रकृति ने उसे इस काम के सर्वथा योग्य बनाया है।
ऊँट बहुत दिन तक खाना और पानी के बिना रह सकता है। इसके एक बहुत बड़ी थैली होती है जिसमें यह लम्बी यात्राओं के लिये बन खाना जमा कर लेता है। इसके पैर गद्देदार होते हैं जो रेत पर चलने में एवं दौड़ने में उसकी सहायता करते हैं। घोड़े और हाथी की तरह आदमी ऊँट को भी पालतू बनाने में सफल रहा है। ऊँट भारत के राजस्थान में पाये जाते हैं जहाँ इसका प्रयोग यातायात के साधन के रूप में किया जाता है। यह बोझ उठाने, खेत जोतने एवं पानी खींचने के भी काम आता है।
ऊँट की गर्दन लम्बी होती है। इसकी पीठ पर एक कूबड़ होता है। ऊँट दयालु और सहज किस्म का जानवर है। ऊँट आदमी का अच्छा दोस्त भी साबित हुआ है। रेगिस्तान में रहने वाले लोग ऊँटनी का दूध पीते हैं।