अनुशासन
Anushasan
अनुशासन शब्द का अर्थ है किसी विशेष नियम के अनुसार कार्य करना। अपने को वश में करना अनुशासन कहलाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से प्रकृति की गतिविधि को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि प्रकृति भी विशेष नियम और बन्धन से क्रियाशील रहती है, नित्य प्रति सूर्य का उदय और अस्त होना, ऋतुओं का परिवर्तन इस तथ्य के प्रमाण हैं। स्पष्ट है कि अनुशासित और नियमित व्यवहार सुखदायी होता है। कुछ लोगों का विचार है कि माता-पिता और गुरुओं की आज्ञा का पालन करना भी अनुशासन में गिना जाता है। नियमपूर्वक जीवन बिताना अर्थात् समय पर सोना, समय पर जागना, समय पर भोजन करना, समय पर सैर करना, समय पर खेलना, समय पर स्कूल जाना आदि अनुशासन में ही गिने जाते हैं) अध्यापक के अनुशासित चरित्र से विद्यार्थी अध्यापक को सम्मान ही नहीं देता है अपितु उसे अपना आदर्श भी मानता है। किसी भी व्यक्ति के लिए अनुशासन सदैव लाभदायक ही होता है। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के बिना सफल जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज देखने में आता है कि समाज के प्रत्येग वर्ग में अनुशासनहीनता घर किए हुए है। इसका पहला कारण माता-पिता है जो आरम्भ से ही बच्चों को अनुशासन की शिक्षा नहीं देते। अनुशासनहीनता का दूसार बड़ा कारण हमारी शिक्षा प्रणाली है। आज स्कूलऔर कॉलजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी स्वयं ही अपने विद्यालय के भवन को आग लगाते हैं और तोड़-फोड़ करते हैं। यह स्थिति चिन्तनीय है। देश की सम्पत्ति को नष्ट करने का अर्थ स्वयं को ही नष्ट करना है। अनुशासन प्रत्येक मानव और प्रत्येक प्राणी के लिए आवश्यक है। इससे शान्ति बनी रहती है और समाज समृद्धि की ओर अग्रसर होता है।