अच्छा स्वास्थ्य
स्वस्थ रहने के लिये व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को रोग मुक्त होना चाहिये। एक स्वस्थ व्यक्ति हर हाल में एक सुखद जीवन जी सकता है। रोगी व्यक्ति अच्छी परिस्थितियों का भी पूरा लाभ नहीं उठा सकता। रोगी शरीर के साथ प्रसन्न रहना बहुत मुश्किल है।
स्वस्थ रहने के लिये शरीर की जरूरतों को जानना आवश्यक है। अपने शरीर का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने का प्रथम नियम है ठीक समय पर खाना और ठीक समय पर सोना। व्यक्ति को अधिक नहीं खाना चाहिये और अस्वस्थकर भोजन नहीं करना चाहिये। बहुत चिकना. मलाई या क्रीम युक्त भारी खाना तथा मीठी चीज़ों को अधिक नहीं खाना चाहिये। प्रत्येक व्यक्ति को संतुलित आहार लेना चाहिये जिसमें विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं खनिज-लवण पर्याप्त मात्रा में हों। इसके साथ व्यक्ति को ताजे फल व सब्जियाँ भी खानी चाहिये।
इसके साथ-साथ व्यायाम करना एवं अपने को चुस्त-दुरुस्त रखना भी बहुत जरूरी है। पैदल चलना एवं साइकिल चलाना, तैरना एवं दौड़ना स्वास्थ्य के लिये अच्छा है। स्वस्थ और चुस्त बने रहने के लिये ‘योग’ भी एक अच्छा माध्यम है।
अच्छा स्वास्थ्य सुबह के सूर्य की तरह है जो सुख का कारण होता है। हम स्वस्थ रह कर ही अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य सुखी जीवन का आधार है।