यातायात के साधन
Yatayat ke Sadhan
आज के युग में मनुष्य के लिए यातायात के साधनों का बहुत उपयोग है। तथा यह मानव के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यातायात का अर्थ होता है ‘आना और जाना’। और जिन वाहनों या साधनों द्वारा हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं वह यातायात के साधन कहलाते हैं। यातायात के साधनों द्वारा मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर बड़ी आसानी से पहुँच जाते हैं। यह साधन केवल मनुष्य को ही नहीं बल्कि सामान को भी इधर से उधर ले जाने और कहीं पहुँचाने का कार्य भी करते हैं।
आजकल यातायात के साधनों का बहुत विकास हो गया है परन्तु प्राचीन युग में यातायात के साधन इतने विकसित नहीं थे। घोड़ा, ऊँट, हाथी, खच्चर, नौका, बैलगाड़ी, तांगा यही यातायात के साधन थे। इनके द्वारा यात्रा करने से मनुष्य के समय तथा श्रम दोनों ही लगते थे जिससे उसकी एक दिन में की जाने वाली यात्रा सप्ताहों में तय होती है।
फिर धीरे-धीरे यातायात के साधनों का विकास हुआ तथा नए यातायात के । साधन आए। वैज्ञानिकों ने नए तथा आधुनिक साधनों का विकास किया यातायात के साधन जैसे- साईकिल, रेलगाड़ी, मोटर, मोटरसाईकिल, बसें, ट्रक आदि सब यातायात के आधुनिक साधन थे। जिनसे यात्रा करने पर मनुष्य के श्रम तथा समय दोनों की बचत होने लगी।
आज के युग में आधुनिक यातायात के साधनों में जैसे- पानी में चलने वाले बड़े-बड़े जहाज, मोटर से चलने वाली कश्ती तथा आकाश में उड़ने वाले वायुयान इत्यादि का निर्माण होने लगा। जो कि देश-विदेश की यात्राओं के लिए उपयोगी साबित हुए।
यातायात के साधन बहुत उपयोगी हैं आज मनुष्य जहाँ भी जाना चाहे वहाँ शीघ्रता से जा सकता है। क्योंकि उसके पास हर साधन मौजूद हैं। इन साध नों के जहाँ लाभ हैं वहाँ इनकी कुछ हानियाँ भी हैं। यह वातावरण को दूषित करते हैं। तथा तेज गति से चलने वाले वाहनों से दुर्घटना का भय भी रहता है। इसलिए हमें इनका उपयोग सावधानी से करना चाहिए।