विज्ञान के लाभ-हानियाँ
Vigyan ke Labh – Habiya
भूमिका- आज के युग को ‘विज्ञान का युग’ कहा जाता है। आज जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान ने अद्धभुत क्रान्ति को जन्म दिया है। विज्ञान ने अन्धे को आँखें, लंगड़े को टाँगें और बहरे को कान दिए। इसने भोजन दिया, नंगो को वस्त्र दिए, रोगी को औषधि और स्वास्थ्य दिया। आज विज्ञान ने अद्भुत एक भ्रान्ति को जन्म दिया है जिससे कठिन को सरल और असम्भव को सम्भव बना दिया है।
विज्ञान : वरदान- विज्ञान ने मानव की सुख-सुविधा के अनेक साधन जुटाएँ हैं। टेलीफोन, टेलिविजन, सिनेमा, वायुयान, टेलीप्रिंटर, तार आदि के आविष्कार से मानव जीवन की सुःख सुविधाओं में बहुत वृद्धि की है। आज व्यक्ति मुम्बई में प्रात: नाश्ता खाकर लन्दन में दोपहर का भोजन खा सकता है। विज्ञान ने गर्मी और सर्दी दोनों पर नियन्त्रण कर लिया है। गर्मी के दिनों में कूलर, एयरकण्डीशनर से सर्दी का आनन्द के दिनों में हीटर आदि से गर्मी का अनुभव किया जा सकता है। विद्यत के आविष्कार ने मनुष्य के जीवन का हा बदल दिया है। कल कारखानों में बड़ी-बड़ी मशीनों ने यहसिद्ध कर दिया है कि आज विज्ञान की राज है। अणु शक्ति का विकास विज्ञान की महत्त्वपूर्ण देन है। अणु शक्ति को विनाश से हटाकर यदि रचना की और लगाया जाए तो इससे मानव जाति का कल्याण होगा। रेगिस्तान को हरे भरे खेतों में बदला जा सकता है। पर्वतों को तोड़कर बांध बनाए जा सकते हैं। परमाणु शक्ति से सस्ती बिजली पैदा की जा सकती है।
विज्ञान हमारा सेवक- विज्ञान ने पृथ्वी के नीचे, आकाश एवं अंतरिक्ष के रहस्यों को उजागर किया है तथा घर की रसोई से लेकर चाँद तक विज्ञान का सम्राज्य है। विज्ञान ने सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार बना दिया है। मनोरंजन के साधनों का भी अब अभाव नहीं है। बटन दबाते ही मधुर संगीत तथा चल चित्र का आनन्द ले सकते हैं। रेडियो ग्राम में जब चाहे अच्छे से अच्छे संगीतकार के गाने सुन सकते हैं। रेडियो द्वारा घर बैठे संगीत, नाटक, भाषण और समाचार सुन सकते हैं। एक दिन ऐसा आएगा जब फूलों की सुगन्ध का आनन्द जो परदे पर दिखाई देते हैं, घर बैठे ही ले सकेगें।
स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में परिवर्तन– स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान भी अनेकों उपलब्धियां हैं। मलेरिया, चेचक, तपेदिक, हैजा, प्लेग जैसे भयंकर रोगों पर काबू पा लिया है। कृषि के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अद्धभुत उन्नति की है। अब ऐसी मशीने आ गई है जो जोतने, बोने, फसल काटने, अनाज तैयार करने आदि का काम भी करती है।
कीटनाशक दवाईयां छिड़क कर फसलों को रोगों से बचाया जा सकता है। उत्तम किस्म के बीज तथा उर्वरकों के प्रयोग से आज भरपूर फसलें प्राप्त हो रही है।
विज्ञान के दोष- यह सच है जहाँ फूल होता है, वहाँ काँटे भी होते हैं। विज्ञान यदि वरदान है तो यह अभिशाप भी बन गया है। विज्ञान के बल पर ही मनुष्य ने बम, एटमबम तथा हाईड्रोजन बम आदि ऐसे विनाशकारी अस्त्र-शस्त्र बनाए हैं जो पल भर से मनुष्य के जीवन को नष्ट कर सकते हैं। नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम से हुए विनाश इसके साक्षी हैं।
उपसंहार- इसका यह अर्थ नहीं कि विज्ञान को त्याग दिया जाए। आज वैज्ञानिकों का कर्तव्य है कि वे विज्ञान का उपयोग मानव की भलाई के लिए करे। यदि वे ऐसा करें तो पृथ्वी पर ही स्वर्ग लाया जा सकता है।