स्वदेश प्रेम
Swadesh Prem
अपने देश से प्रेम करना तथा उसकी रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना ही स्वदेश प्रेम कहलाता है। हमें अपने देश की भलाई के लिए हमेशा कार्यशील रहना चाहिए तथा इसके गौरव को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए।
अगर हम सच्चे देशभक्त हैं तो हमेशा देश की भलाई के बारे में ही सोचेंगे। इसी से सच्चे देशभक्त को सुख की प्राप्ति होती है। जिस देश की भूमि पर हम जन्म लेते हैं वही हमारी मातृभूमि कहलाती है। हमारी मातृभूमि हमारे लिए हमेशा पूजनीय व आदरणीय होती है। क्योंकि हमारे देश की भूमि से ही हमें भोजन, वस्त्र और आवास की प्राप्ति होती है। हमें सदैव अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए।
हमें हमेशा देश की उन्नति, भलाई व कल्याण के लिए यथासम्भव प्रयास । करने चाहिए तथा अपना पूरा योगदान देना चाहिए।
देश की रक्षा के लिए वक्त पड़ने पर हँसते-हँसते अपने प्राणों का बलिदान कर देना चाहिए। यही बलिदान हमारा सच्चा देश प्रेम कहलाएगा।
इतिहास गवाह है कि सच्चे देशभक्तों ने हमेशा जरूरत पड़ने पर देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। जब हमारा देश परतंत्रता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था तब हमारे देश के महान वीरों भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुभाषचन्द्र बोस, महात्मा गाँधी इत्यादि ने अपना बलिदान देकर देश को स्वतंत्र कराया। वही देश के सच्चे देशभक्त और देश के प्यारे सपूत कहलाए। हमें भी अपने देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए तथा उसके कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए तथा हमेशा इसकी रक्षा करनी चाहिए।