Hindi Essay on “Subah Ki Sair”, “सुबह की सैर”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

सुबह की सैर

Subah Ki Sair

सुबह की सैर करना बहुत अच्छा होता है तथा यह एक हल्का व्यायाम है। सुबह की सैर हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद होती है। फिर चाहे व बच्चा हो नौजवान हो या बूढ़ा हो यह सभी की सेहत के लिए अच्छी है। यह हमारे दिमाग को तरो-ताजा रखती है। मैं भी रोज अपने पिताजी के साथ सुबह सैर करने जाता हूँ क्योंकि मुझे सुबह की सैर करना बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि यह हमें चुस्त रखती है। मैं अपने पिताजी के साथ तीन मील तक चलता हूँ। सुबह के समय ठंडी-ठंडी हवा चल रही होती है तथा पक्षियों की चहचहाट मुझे बहुत अच्छी लगती है। मैं अशोका पार्क में जाता हूँ जहाँ चारों ओर हरियाली है तथा वहाँ घास पर चलना मुझे बहुत अच्छा लगता है क्योंकि घास पर ओस की बूंदें गिरी होती हैं जिन पर चलना बहुत अच्छा लगता है। घास पर गिरी हुई ओंस की बूंदें इतनी अच्छी लगती हैं मानो मोती चमक रहे हो। वहाँ किनारे- किनारे फूलों के पौधे लगे होते हैं जिन्हें देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। सुबह का मौसम बहुत सुहावना होता है जो तन और मन को बहुत खुशी देता है। मैं और मेरे पिताजी व्यायाम करते हैं और घूमते-घूमते वापस अपने घर की ओर चल पड़ते हैं।

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