Hindi Essay on “Shri mati Pratibha Devi Singh Patil”, “श्री मति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल”, Hindi Nibandh, Anuched for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

श्री मति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल

Shri mati Pratibha Devi Singh Patil

भूमिका- भारत एक धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र है। जाति, धर्म, रंग आदि के आधार पर यहाँ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। परिश्रम और योग्यता के द्वारा यहाँ कोई भी पुरुष-स्त्री ऊँचे से ऊँचा पद प्राप्त कर सकते हैं। इतिहास केवल तिथियों और घटनाओं से नहीं बनता है बल्कि उन महान लोगों के कार्यों एवं चरित्र से बनता है जो अपने लिए ही नहीं अपितु अन्य के लिएजीवन व्यतीत करते है। इन महान लोगों में एक है- हमारे वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल। आपका नाम भारत के प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में इतिहास में सदा अंकित रहेगा। वे भारत के तेरहवें राष्ट्रपति हैं।

जीवन परिचय- आपका जन्म 19 दिसम्बर, 1934 ई० को महाराष्ट्र के जल गाँव में हुआ। आपने आरम्भिक शिक्षा आर० आर० विद्यालय जलगाँव से प्राप्त की। उन्होंने एम० ० की शिक्षा मलज की जेठा कॉलेज से प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने सरकारी ला कॉलेज से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज जीवन में आप खेल टैनिस को अच्छी खिलाड़िन भी रही। 1962 ई० में आप एम० जे० कॉलेज से ‘कॉलिज क्वीन’ भी चुनी गई।

विवाह- उनका विवाह 17 जुलाई, 1965 के देवी सिंह रण सिंह शेखावत से हुआ। विवाह के पश्चात अपना नाम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल रख लिया। उनके एक बेटा और एक बेटी है। आप पूर्ण शाकाहारी है।

राजनीतिक जीवन- 1962 ई० में 27 वर्ष की आयु में उनका राजनीतिक जीवन एक विद्यायिका के रूप में आरम्भ हुआ। राजनीति में प्रवेश करने से पूर्व वह एक वकील थी। जब 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया जब उन्होंने अपने जिले में महिला होमगार्ड का संगठन किया। सन् 1967 में 1976 ई० तथा आप महाराष्ट्र सरकार में स्वास्थ्य और समाज कल्याण उपमन्त्री पद पर आसीन रही। इसके पश्चात आप स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्री और पुर्नवास सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रही। जुलाई 1979ई० से 1980 ई० तक वह महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष की नेता रही और इस कार्य को अपने-अपनी बुद्धिमता से निभाया। 1985 से लेकर 1990 तक राज्यसभा की सदस्या रही। पहली बार 1991 में वह अमरावती से लोकसभाके लिए निर्वाचित हुई। आपने आगामी पाँच वर्षों तक दोनों सदनों में विभिन्न समितियों की अध्यक्षा और सदस्या के रूप में महत्त्वपूर्ण दायित्व निभाए। नवम्बर, 2004 ई० में केन्द्रीय सरकार ने आपको राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया। इस पद से त्यागपत्र देकर आपने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा। 25 जुलाई 2007 को इन्हें भारत के तेरहवें तथा प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

राष्ट्रपति के विचार- इन्हें प्रतिभा ताई के नाम से पुकारा जाता है। आपके विचारों में आधुनिकता का संतुलन एवं संगम है। उनका सपना है ग्रामों का सम्पूर्ण विकास, दलितों, पिछड़ों तथा अदिवासियों का उत्थान, महिलाओं का सशक्तिकरण तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए देश को अग्रसर करना।

उपसंहार- आपका जीवन बड़ा सादा है और विचार उच्च है। आप शान्त स्वभाव की महिला है। आपकी यही प्राथमिकता है कि देश के प्रत्येक ग्राम, गरीब व्यक्ति, महिला एवं निर्बल वर्गों से जुड़े रहकर उनकी समस्याओं को समझना और उसका समाधान करना। भगवान आप को दीघार्यु प्रदान करे।

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