पाठशाला में मेरा पहला दिन
School me Mera First Day
मेरे पिता जी सरकारी बैंक में काम करते हैं। उन्हें हर तीन साल में नई शाखा में भेज दिया जाता है। इस बार उनका तबादला दिल्ली हुआ। यहाँ आते ही सेंट जॉर्ज में मेरा दाखिला करवा दिया गया।
इतनी बड़ी पाठशाला में मैं पहली बार जानेवाला था। मेरा मन डरा हुआ था। पाठशाला में जाते ही इसकी भव्यता और सुंदरता ने मेरा मन मोह लिया। आया दीदी मुझे स्नेहपूर्वक मेरी कक्षा पहली-डी तक ले गई।
कक्षा में मेरी अध्यापिका और सहपाठियों ने सप्रेम मेरा अभिवादन किया। भर सहपाठियों ने मेरा बढ़-चढ़ कर ध्यान रखा और सभी से शीघ्र ही मरा मित्रता हो गई।
पाठशाला का पहला दिन रोमांचक और उत्साहपूर्ण था। आज मुझे यहाँ दो वर्ष हो गए हैं और मैंने अपनी एक अच्छी छवि भी बना ली है। में इसी तरह मेहनत करते हुए आगे बढ़ना चाहता हूँ।