Hindi Essay on “Samachar Patra”, “समाचार-पत्र”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

समाचार-पत्र

Samachar Patra 

निबंध नंबर :- 01

मानव स्वभाव से जिज्ञासु है। वह जिस समाज में रहता है, उसकी पूरी जानकारी चाहता है। इस बहाने वह शेष नया से जुड़ता है, उसके सुख-दुख में सुखी-दुखी होता है। इसी प्रवृत्ति के कारण ही समाचार-पत्र का उदय हुआ।

 

झुक जाते हैं उनके सम्मुख, गर्वित ऊँचे सिंहासन।

बाँध न पाया उन्हें आज तक कभी किसी का अनुशासन।।

निज विचारधारा के पोषक हैं, प्रचार के दूत महान।

समाचार-पत्रों का करते, इसीलिए तो सब सम्मान।।

हिंदी का सर्वप्रथम समाचार-पत्र कोलकाता से प्रकाशित हुआ। आज हिंदी-अंग्रेजी के सैकड़ों समाचार-पत्र निकल रहे हैं। समाचार पत्र मनुष्य को विश्व भर से जोड़ता है। प्रातः होते ही सारे संसार की महत्त्वपूर्ण जानकारिया समाचार-पत्र द्वारा उपलब्ध हो जाती हैं। इसीलिए जेम्स एलिस ने कहा- “समाचार-पत्र संसार के दर्पण है। उस देवकर आप आधुनिक समय की गति और स्वभावों को जान सकते हैं। किसी देश या प्रांत की स्थिति जानना हो उस क्षेत्र को दैनिक समाचार-पत्र देख लो। आजकल समाचार-पत्र पाठक की ज्ञान-वधि भी कराते हैं। विशेष रूप से रविवारीय पृष्ठों में छापी जानकारियों; नित्य नए आविष्कार, नए साधन, नए पाठ्यक्रमों की जानकारी द्वारा पाठकों का ज्ञान बढ़ाते हैं। रोगों की जानकारी, उनके इलाज के उपाय भी समाचार-पत्र में छापे जाते हैं। समाचार-पत्र पाठकों के लिए मनोरंजन की रंग-बिरंगी सामग्री लेकर उपस्थित होते हैं। खेलकूद, फिल्मी संसार, चुटकुले, कहानियाँ, पहेलियाँ, रंग-भरो प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे, किशोर और तरुण भी समाचार-पत्र पर जान छिड़कते हैं।

निबंध नंबर :- 02

समाचार पत्र

Samachar Patra 

मनुष्य में प्रारम्भ से ही अपने आस-पास की घटनाओं और दूर के समाचारों को जानने की उत्सुक्ता रही है। वह देश-विदेश की घटनाओं की जानकारी चाहता है तथा अपने आसपास के वातावरण की भी उपेक्षा नहीं कर सकता। समाचार पत्र उसकी इस आवश्यकताहै। सौलहवीं शताब्दी में चान म पाकिग गजट’ 1835 में प्रकाशित हुआ। समाचार पत्रों में देश-विदेश की पटनाओं तथा अनेक समाचारों का विस्तार से वर्णन मिलता है। दिन निकलते ही अनेक व्यक्ति अखबार की झलक पाने को व्याकुल रहते हैं तथा अखबार आते ही वे उसमें थोड़ी देर के लिए मस्त हो जाते हैं। संसार में आज लाखों समाचार पत्र निकलते हैं। हमारे देश में भी विभिन्न भाषाओं के अनेक समाचार प्रकाशित किए जाते हैं। समाचार पत्रों में केवल घटनाएं ही हो, ऐसी बात नहीं, आजकल इनमें खेलकूद, व्यापार, बाजार भाव, चलचित्र, रेडियो तथा दरदर्शन के कार्यक्रमों की जानकारी तथा अनेक प्रकार के विज्ञापन भी होते हैं तथा वर-वधू भी ढूंढे जाते हैं। व्यापारी तथा उद्योगपति अपने नए-नए उत्पादनों के विज्ञापन समाचार-पत्रों में देकर ही उस वस्तु को लेकप्रिय बनाते हैं। समाचार पत्रों में विज्ञापनों को पढ़ कर नौकरी प्राप्त की जा सकती है। सरकार की नीतियों की जानकारी समाचार पत्रों द्वारा ही मिलतीहै तथा समाचार पत्र ही सरकार की गल्त नीतियों की आलोचना करके सरकार पर अंकुश लगाने का काम करते हैं। कुछ समाचार पत्र लोगों में घृणा तथा द्वेष फैलाने के लिए समाचारों के नमक मिर्च लगाकर प्रकाशित करते हैं। जनता को इनसे सावधान रहना चाहिए।

निबंध नंबर :- 03

 

समाचार-पत्र

Samachar Patra 

समाचार-पत्र का आविष्कार सर्वप्रथम इटली में हुआ था। तत्पश्चात् अन्य देशों में समाचार-पत्र का प्रकाशन शुरू हुआ। भारत में समाचार-पत्र का प्रकाशन मुगल काल से माना जाता है। हिन्दी में ‘उदन्त मार्तण्ड’ नाम से पहला समाचार-पत्र निकला था। शनैः शनैः भारत में समाचार-पत्रों का विकास हुआ और विभिन्न भाषाओं में समाचार-पत्र प्रकाशित होने लगे। आज नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, जनसत्ता, अमर उजाला आदि समाचार-पत्र अपने पूर्ण विकास पर हैं। ये समाचार-पत्र दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, अर्द्धवार्षिक एव वार्षिक होते हैं। इनका उद्देश्य जाति, धर्म और राष्ट्र का विकास करना होता है।

ये समाचार-पत्र जनता में जागरण उत्पन्न करने के साथ ही राष्ट्रीय जागरण का कार्य भी करते हैं। जनमत का निर्माण करके ये लोकतंत्र के सच्चे रक्षक का कार्य करते हैं। राष्ट्रीय अखण्डता की रक्षा करने में भी समाचार-पत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

समाचार-पत्रों में साहित्यिक, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक खोज संबंधी-लेख, कहानियाँ, कविताएँ और मीठी, चटपटी तथा कड़वी सभी प्रकार की सामग्री रहती है। इसके अतिरिक्त देश-विदेश के समाचार, व्यापारिक विज्ञापन, विवाहों के विज्ञापन, मृत्यु की सूचना, विभिन्न वस्तुओं के भाव, नौकरियों के विज्ञापन, सभा-समारोहों की सूचना, खेलों, चलचित्रों और मनोरंजन आदि की जानकारी-सब कुछ समाचार-पत्रों में रहता है। इस प्रकार समाचार-पत्रों का सूक्ष्म अध्ययन करने वाला व्यक्ति सामान्य ज्ञान में कभी पीछे नहीं रहता।

समाचार-पत्र मनोरंजन का भी साधन होते हैं। इनमें कहानी, उपन्यास, नाटक, चुटकुले, हास्य-व्यंग्य, विविध कार्टून एवं व्यंग्य-चित्र आदि मनोरंजन का कार्य करते हैं। यात्रा के समय समाचार-पत्र एवं पत्रिकाए यात्रा को मनोरंजक बनाती हैं।

समाचार-पत्रों से व्यापारिक लाभ भी होता है। आयात-निर्यात के समाचार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की वृद्धि में अपना योगदान देते हैं। इस क्रेता एवं विक्रेता दोनों को ही लाभ होता है।

समाचार-पत्र समाज की बुराइयों एवं कुरीतियों को दूर करने में भी  सहायक होते हैं। ये समाज में फैली अशिक्षा, दहेज, बाल विवाह आदि नों का विरोध करके समाज को जाग्रत करते हैं। ये देश में व्याप्त चार अनाचार, शोषण और अत्याचार की घटनाओं को प्रकाशित कर सामाजिक तत्वों में भय उत्पन्न करते हैं जिससे अपराध में कमी आती है।

इस प्रकार समाचार-पत्र जनता और सरकार के बीच की कडी होते हैं। आज के युग में समाचार-पत्र महत्वपूर्ण शक्ति-स्तंभ माना जाता है। यह लोकतांत्रिक राष्ट्रों की चार प्रमुख शक्तियों में महत्वपूर्ण है।

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