सभा भवन का शिष्टाचार
Sabha Bhawan ka Shishtachar
मनुष्य स्वभाव से उत्सवप्रिय है। अपने मनोरंजन के लिए वह नित्य नवीन प्रयत्न करता रहता है। विद्यार्थी जीवन में विद्यालय के वार्षिकोत्सव का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। इस बार हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव नवनिर्मित सभा भवन में संपन्न हुआ। हम सब नियत समय पर सभा भवन में पहुँचे और आसन ग्रहण किया। नियत समय पर मुख्य अतिथि आए। विद्यालय के बैंड, प्रधानाचार्य और अध्यापकों ने उनका स्वागत किया। सर्वप्रथम माल्यार्पण हुआ और फिर कार्यक्रम आरंभ हुए। सभा भवन दर्शकों से भरा हुआ था। सर्वप्रथम प्राचार्य महोदय ने अपने अमूल्य विचारों के बीच विद्यालय की प्रगति का विवरण दिया। इसके पश्चात् सांस्कृतिक कार्यक्रम आरंभ हए। सरस्वती वंदना के बाद ‘झाँसी की रानी’ नामक नाटक खेला गया। इसमें रानी झाँसी तथा अन्य पात्रों का अभिनय करने वालों का अभिनय सराहनीय था। इसके बाद संगीत का कार्यक्रम चला। मुख्य अतिथि ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि हमारे विदयालय में आकर उन्हें अपना विद्यार्थी जीवन स्मरण हो आया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने अपनी ओर से छात्रों को नकद पुरस्कार भी प्रदान किया।