गणतंत्र दिवस
Republic Day
रूप–रेखा (Outlines)
गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाते हैं?, एक राष्ट्रीय त्यौहार, गणतंत्र का अर्थ, इस दिन का मुख्य समारोह, गणतंत्र दिवस की परड और झाँकी, राज्यों के कार्यक्रम, रात का दृश्य और गणतंत्र दिवस का संदेश ।
भारत का शासन गणतंत्र या जनतंत्र की भावना पर आधारित है । स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद हमारे देश का अपना नया संविधान बना । इसे सन् 1950 की 26 जनवरी को पूरे देश पर लागू किया गया । भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का सर्वोच्च पद बनाया गया । राष्ट्रपति देश के पहले नागरिक होते हैं । वे सरकार के प्रधान होते हैं । हमारे संविधान में सरकार को चुनने का अधिकार जनता को प्राप्त है। भारत एक गणतांत्रिक देश है । इस तरह 26 जनवरी के दिन का महत्त्व बढ़ गया । यह दिन हर वर्ष गणतंत्र दिवस के नाम से एक राष्ट्रीय त्याहार के रूप मनाया जाता है।
गणतंत्र का अर्थ है -जनता का शासन । किसी भी देश के लिए यह गौरव की बात होती है कि वहाँ का शासन जनता के हाथों में होता है । भारत भी अपने गणतंत्र पर गर्व करता है । हमारा गणतंत्र मजबूती से काम कर रहा है । हमारे यहाँ ठीक समय पर चुनाव होते हैं । देश की जनता चुनावों में बहुत उत्साह के साथ भाग लेती है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में होता है । इसको मनाने की तैयारी एक-दो महीने पहले से आरंभ हो जाती है । 25 जनवरी की शाम को राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित करते हैं । यह कार्यक्रम दूरदर्शन और आकाशवाणी पर सुना जा सकता है । 26 जनवरी की सुबह प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति को फूलमाला अर्पित करते हैं । फिर वे वहाँ से राष्ट्रपति भवन से बाहर विजय चौक पर बने सलामी मंच के पास पहुँच जाते हैं । फिर वहाँ राष्ट्रपति महोदय उपस्थित होते हैं । उनके स्वागत में बैंड आदि बजाए जाते हैं । राष्ट्रपति सलामी मंच पर पहुँच कर राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं।
इसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड आरंभ होती है । परेड का आरंभ सेना के तीनों अंगों के सैनिक करते हैं । फिर देश की सैन्य-शक्ति का प्रदर्शन करने वाले अस्त्र-शस्त्रों की झाँकी गुजरती है । इसके बाद केन्द्रीय सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की झाँकी प्रस्तुत की जाती है । बहादुर बच्चे हाथी पर चढ़कर सलामी मंच से होकर गुजरते हैं । अलग-अलग राज्यों की झाँकी भी प्रस्तुत की जाती है । नाचते-गाते चलते हुए लोगों की टोली बहुत ही मनोरंजक दृश्य उपस्थित करती है । इन झाँकियों से आजादी के बाद देश में हुई उन्नति की झलक मिलती है । इनमें भारत की पुरानी संस्कृति की छाप भी होती है । रंगीन पताकाओं और गुब्बारों से समारोह खुशनुमा हो जाता है। दर्शक ताली बजाकर झाँकियों का स्वागत करते हैं।
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम देश के सभी भागों में होते हैं । राज्यों में राज्यपाल महोदय एक विशेष समारोह में झंडा फहराते हैं । यहाँ भी एन. सी. सी., पुलिस के जवान और स्कूली बच्चे बड़ी संख्या में सज-धजकर आते हैं । स्कूलों, कार्यालयों तथा अन्य स्थानों पर विशेष कार्यक्रम होते हैं । लोग एक-दूसरे को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हैं।
रात को राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सरकारी भवनों पर बिजली की जगमगाहट होती है । तीन दिन बाद परेड की वापसी के कार्यक्रम के साथ यह राष्ट्रीय पर्व समाप्त हो जाता है । यह पर्व हमें राष्ट्र की रक्षा और समृद्धि के लिए लगातार प्रयास करते रहने का संदेश दे जाता है । अब तक के अनुभवों से यह पता चलता है भारत का गणतंत्र दुनिया में न केवल सबसे बड़ा बल्कि सबसे मजबूत भी है।