लाल-किला
Red Fort
लाल किला भारत की एक प्रमुख ऐतिहासिक ईमारत है। भारत में अनेक ऐतिहासिक ईमारतें बनी हुई हैं। जिनमें से लाल किला भी बहुत शानदार ईमारत है। यह लाल पत्थरों से बना हुआ है इसलिए इसे लाल किला कहते हैं।
लाल किला दिल्ली में है तथा यह दिल्ली में यमुना नदी के तट पर चांदनी चौक के सामने बना हुआ है। इसे सन् 1638 में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। बादशाह शाहजहाँ इसी किले में रहा करते थे। लाल किला अपने आप में अनूठा है। यह बहुत बड़ा बना हुआ है। इसके अन्दर जाने के दो मार्ग हैं तथा अंदर जाने के लिए टिकट लेनी पड़ती है। तथा जब टिकट लेकर अन्दर जाते हैं तो चारों ओर सुन्दर चित्रकारी, बेलबूटे इत्यादि देखने को मिलते हैं। तथा दीवारों पर बहुत सुंदर चित्रकारी की गई। है। इसके अन्दर जाकर दोनों ओर सुंदर दुकानें बनी हुई हैं। जहाँ बादशाह का दरबार लगा करता था। वह भी यही है तथा आम लोगों के लिए सभागार ‘दीवान-ए-आम’ भी यहीं पर है। सामने ही बादशाह का मयूर सिंहासन है।
जो कीमती रत्नों से जड़ा हुआ है तथा देखने में बहुत सुन्दर लगता है। इसकी सन्दरता अपने आप में निराली है। क्योंकि यह रत्न जड़ित सिंहासन है।
जहाँ बादशाह अपने मंत्रियों से बातचीत किया करते थे वह ‘दीवान-ए-खास’ यानि खास लोगों के लिए भी भीतर ही बना हुआ है। इनके बाद ‘सावन’ व भादो’ नाम के आरामगृह बने हुए थे। लाल किले के एक भाग में मुगल बादशाह द्वारा पहनी जाने वाली पोशाकें तथा अस्त्र-शस्त्र भी रखे हैं। तथा यहाँ के तालाब बगीचे भी बहुत अच्छे हैं। लाल किले को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यह एक प्रसिद्ध प्राचीन स्मारक है।