रक्षाबंधन
Raksha Bandhan
रक्षाबंधन बहन-भाई के आपसी प्रेम का प्रतीक और भाई का बहन के प्रति रक्षा का वचन है। यह त्योहार श्रावण मास में पूर्णिमा के दिन आता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार जब देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध छिड़ा तो इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने उन्हें रक्षा हेतु सूत्र बाँधा और इंद्र विजयी हुए। रक्षाबंधन की प्रथा तभी से चली आ रही है। बहनें ईश्वर से भाई की विजय और दीर्घ आयु की प्रार्थना करते हुए राखी बाँधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन के आने पर बाजार तरह-तरह की राखियों की चमक से भर जाते हैं। नन्हें भाइयों की नन्ही कलाइयों के लिए खिलौने वाली राखियाँ भी नजर आती हैं। भाइयों और बहनों के लिए विभिन्न उपहारों से बाजार सजे रहते हैं।
राखी या रक्षाबंधन के दिन भाई और बहन नए वस्त्र पहनकर तैयार होते हैं। बहनें भाई की कलाई पर राखी बाँध, उनका तिलक करती हैं और उनका मुँह मीठा करवाती हैं।
यह त्योहार संबंधों को और मजबूत करता है। हिंदुओं का यह पर्व मंगलकामनाओं का उत्सव है।
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