Hindi Essay on “Punjab – Mera Priya Pradesh”, “पंजाब – मेरा प्रिय प्रदेश”, Hindi Nibandh, Anuched for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

पंजाब – मेरा प्रिय प्रदेश

Punjab – Mera Priya Pradesh

 

भूमिका- भारत एक महान् देश है। इसमें कई प्रदेश हैं। प्रत्येक प्रदेश का अपना-अलग महत्त्व है। प्रत्येक प्रदेश में भिन्न-भिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं। उनकी अपनी भाषा है, अपनी सभ्यता है। उन सब का खाना-पीना, पहरावा, रहन-सहन का ढंग भी अलग-अलग है। मेरे प्रदेश का नाम पंजाब है। पंजाब शब्द का अर्थ है पंज+आब यानि पाँच नदियों का समूह यहाँ के लोग बड़े परिश्रमी और साहसी हैं। पंजाब को भारत की खड़ग भुजा भी कहा जाता है।

स्वतन्त्रता से पूर्व पंजाब एक विशाल प्रदेश था। इसका कुछ भाग पाकिस्तान में चला गया। बाद में इसका कुछ भाग हिमाचल और हरियाणा को चला गया। पंजाब कभी इतना विस्तृत था अब छोटा-सा पंजाब प्रदेश रह गया है। पंजाब को वीरों का प्रदेश भी कहा जाता है।

गुरुओं का पवित्र जन्मस्थल- देश भक्तों की भूमि- पंजाब का पवित्र स्थल माना जाता है क्योंकि यहाँ अनेक गुरुओं ने जन्म लिया और देशभक्तों ने स्वतन्त्रता के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। यही पर गुरुओं ने कर्म का उपदेश दिया और वीरता का पाठ पढ़ाया। गुरू नानक देव, गुरू अंगद देव, गुरू अमर दास, गुरू राम दास, गुरू अर्जुन देव, गुरू हर गोबिन्द राय, गुरू तेग बहादुर, गुरू गोबिन्द सिंह आदि दस गुरूओं ने यहाँ की निराश एवं दुखी जनता को साहस, शान्ति, बलिदान, त्याग, एकता तथा देश प्रेम का पाठ पढ़ाया। पंजाब महान देशभक्तों तथा महापुरुषों की पवित्र भूमि है। लाला लाजपतराय, करतार सिंह सराभा, उद्यमसिंह, स० भगत सिंह जैसे अनेक देशभक्तों ने स्वतन्त्रता सग्राम में भाग लिया और अपने प्राणों की आहुति दी।

पंजाब की अमिट संस्कृति- पंजाब की सभ्यता एवं संस्कृति महान् है। यहाँ के लोग अपने नृत्यों, लोक गीतों तथा कलाओं के कारण प्रसिद्ध हैं। यहाँ के लोगों को शिक्षा, सगीत तथा कला से बड़ा प्रेम है। यहाँ शिक्षा का प्रसार भी खूब हो रहा है। यहाँ पर गुरू नानक देव यूनीवर्सिटी, पंजाबी यूनीवर्सिटी, पंजाब यूनीवर्सिटी तथा पंजाब कृषि विद्यालय स्थापित है। पंजाबी भंगड़ों का कमाल, लोकगीतों की मधुरता, पंजाबी युवतिओं का मस्ती भरा गिद्दा नाच तथा ग्रामीणों की बोलियां मन को मोह लेती हैं। यह त्योहारों का भी प्रदेश है। यहाँ पर दीवाली, दशहरा, तीज, माघी, गुरुपूर्व, वसन्त, होला-मोहल्ला आदि ये उत्साहपूर्वक मनाए जाते हैं। आर्थिक दृष्टि से भी पंजाब एक विकासशील प्रदेश है। यहाँ अनाजऔर सब्जियों की पैदावार खूब होती है। अमृतसर, जालन्धर औरलुधियाना यहाँ के प्रसिद्ध औद्योगिक केन्द्र हैं। लुधियाना हौजरी और साईकलों के समान के कारण प्रसिद्ध है। जालन्धर में खेलों का सामान बनाया जाता है। अमृतसर ऊनी और सूती कपड़ों का औद्योगिक केन्द्र है।

यहाँ पर अनेक दर्शनीय स्थल भी है। अमृतसर का हरिमन्दिर साहिब, जालियाँ वाला बाग, दुर्गियाना मन्दिर, आनन्दपुर का किला तथा गुरुद्वारा आदि अनेक दर्शनीय स्थान है। जालन्धर में नवनिर्मित श्री देवी तालाब मन्दिर देखने योग्य स्थल है। भाखड़ा नंगल बांध इस प्रदेश की शोभा है। भटिंडा में एक विशाल थर्मल प्लांट है।

उपसंहार- पंजाब प्रदेश की विशेषताओ का वर्णन करना कोई सरल काम नहीं। यहाँ के लोगों ने तन, मन और धन से अपने देश की सेवा की है। यहाँ के लोग धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं। यहाँ के लोग बड़े खुशदिल, मिलनसार और सेवाभाव से भरपूर है। सिक्ख गरुओं के त्याग और बलिदान की भावना को कैसे भुलाया जा सकता है। धर्म की खातिर मर-मिटने वाले वाले वीर हकीकत राय ने भी यही जन्म लिया था।

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