Hindi Essay on “Nanak Jayanti”, “नानक जयन्ती”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

नानक जयन्ती

Nanak Jayanti 

 

कभी-कभी भगवान कुछ विशेष आत्माओं को इस दुनिया में भेजता है। जिस दिन वे आत्मा दुनिया में अवतरित होती हैं। वे दिन भी विशेष बन जाते हैं। वे आत्माएं अमर होती हैं। उनके नाम से वे दिन भी अमर बन जाते हैं। ऐसा ही दिन गुरु नानक जी का जन्म-दिन है। गुरु नानक जी ने कई देशों में यात्राएं कीं और सबको मिल-जुलकर रहने की शिक्षा देते हुए बताया-परमात्मा एक है। गुरु नानक जी की मक्का की यात्रा बड़ी रोचक है। एक मक्का में गुरु नानक काबा  की ओर पैर करके सो गयेइस पर एक मुल्ला बहुत बिगड़ा तो गुरु नानक जी ने बड़े शांत भाव से कहा, “बाबा, मैं एक थका हुआ मुसाफ़िर हूं, जिधर खुदा का घर न हो, उधर ही मेरे पैर कर दो।”

मुल्ला ने जब गुस्से में आकर पैर घुमाना शुरू किया तो जिस ओर गुरु नानक के पैर घूमते, उसी ओर उसे काबा दिखाई देता। उसी समय गुरु नानक ने उपदेश दिया कि ईश्वर सब जगह विद्यमान है। गुरु नानक जी ने लोगों को धर्म का सच्चा रास्ता दिखाया। अंत में वे शरीर छोड़ते समय भी हिंदू और मुसलमानों को एकता का पाठ पढ़ा गये। उन्होंने हमें बता दिया कि सब मनुष्य एक ही शक्ति से, एक प्रकाश से, उत्पन्न हुए हैं। उनमें भेद रखना धर्म का विरोध करना है। सब धर्म समान हैं।

इस प्रकार गुरु नानक जी के विषय में बता सकते हैं कि उन्होंने हमें प्रेमपूर्वक मिल-जुलकर रहने की शिक्षा दी।

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