मेरी किताब
My Book
यह किताब है। इस किताब का नाम ‘निबन्ध रचना’ (व्याकरण एवं पत्र लेखन) है। यह किताब कागज से बनाई गई है। इस किताब के ऊपर बहुत ही सुन्दर कवर चढ़ा हुआ है जो कि देखने में बहुत अच्छा लगता है। तथा सबको आकर्षित करता है। इसके 250 पृष्ठ हैं। इसके अन्दर अनेकों रंग-बिरंगी तस्वीरें भी हैं। इसके अन्दर पचास निबन्ध तथा पैंतीस पत्र लिखे गए हैं। तथा व्याकरण का भी विस्तृत वर्णन किया गया है। इस किताब में शिक्षाप्रद कहानियां भी हैं जो मुझे पढ़ने में बहुत अच्छी लगती हैं। मैं इसी किताब में से व्याकरण याद करता हूँ। तथा परीक्षा में निबन्ध की तैयारी भी इसी किताब में से याद करके करता हूँ। यह किताब मेरे लिए बहुत उपयोगी है। इस किताब का मूल्य पैंतीस रुपए है।
मैंने इस किताब को पुरानी सड़क से खरीदा था। मेरे दोस्तों को भी यह किताब बहुत पसंद आई। इसलिए मेरे कई दोस्तों ने भी यह किताब खरीद की इस किताब के लेखक सुनील आर्य हैं जिन्होंने बड़ी सरल भाषा में इस किताब के निबन्धों को लिखा है जो हमें आसानी से समझ आ जाते हैं तथा याद हो जाते हैं। यह किताब मुझे बहुत पसंद है। यह मेरी सच्ची सहायिका है। ऐसी उपयोगी किताब को अपने पास रखने में मुझे बहुत गर्व होता है।