Hindi Essay on “Missile Man – Dr. APJ Abdul Kalam”, “मिसाइल मैन- डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम”, Hindi Nibandh, Anuched for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

मिसाइल मैन- डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम

Missile Man – Dr. APJ Abdul Kalam

 

भूमिका- भारत एक धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र है। यहाँ पर लोकतान्त्रिक शासन प्रणालीहै। यहाँ पर जाति, धर्म, रंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। अपनी योग्यता के आधार पर कोई भी व्यक्ति ऊँचे से ऊँचा पद प्राप्त कर सकता है। हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम अपनी योग्यता के बल पर देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचे हैं। वे वैज्ञानिक के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।

जीवन एवं परिवार- अब्दुल कलाम का जन्म एक निर्धन और अशिक्षित परिवार में सन् 1931 में तामिलनाडु के रामेश्वरम नगर में हुआ था। आपका पूरा नाम अबुल पकीर जैनुलाबद्दीन अब्दुल कलाम है। इनके पिता का नाम जैनुलाबधीन और माता का नाम आशियम्मा है। आपके पिता जी पहले नारियल की खेती करते थे और बाद में वे लकड़ी की नौकाएँ बनाने लगे।

प्रारम्भिकशिक्षा- आपकी आरम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् के प्राईमरी स्कूल में हुई। प्राईमरी की शिक्षा पूर्ण करने के बाद वे जिला मुख्यालय रामनाथ पुरम के श्वार्ज़ हाई स्कूल में दाखिल हो गए। वहाँ के शिक्षक अयादुरै सोलेमन ने बालक कलाम को अत्यधिक प्रभावित किया। सन् 1950 में इन्टर मिडिएट करने के लिए उन्होंने त्रिची के सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया। यहाँ से उन्होंने बी० एस० सी० की शिक्षा प्राप्त की। आप बाद में मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। यहाँ की शिक्षा महंगी होने के कारण आपकी बहिन को गहने बेचकर फीसें अदा की।

विज्ञान के क्षेत्र में सेवाएँ- शीघ्र ही आपको डी० टी० डी० एंड पी० में नौकरी मिल गई। यहाँ पर आप को 250 रु० वेतन मिलता था। यहाँ आपको तकनीकी केन्द्र (333 यन) के काम पर लगाया गया। जब डॉ० कलाम ने पहली बार हॉवरक्राफ्ट का निर्माण किया तब तत्कालीन रक्षामन्त्री कृष्णमेनन अत्याधिक प्रभावित हुए। शीघ्रही रॉकेट प्रक्षेपण की तकनीकी प्रशिक्षण लेने के लिए उनको नासा में भेजा गया। यहाँ पर रहकर डॉ. कलाम ने काफी कछ सीखा। 21 नवम्बर, 1963 को भारत का नाइक-अपाची नाम का पहला रॉकेट छोड़ा गया। बाद में प्रोफेसर साराभाई के साथ मिल कर डॉ० कलाम ने रॉकेट तकनीकी विकास में काफी योगदान दिया।

अन्तरिक्ष अनुसंधान में योगदान- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान के वे एक महान् वैज्ञानिक माने जाने लगे थे। एम० एल० वी० 3 की टीम में आपका प्रमुख स्थान था। अग्नि के सफल प्रक्षेपण में डॉ. कलाम का विशेष योगदान रहा। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ नीलम संजीवा रेड्डी ने डॉ कलाम को ‘पदम भूषण’ से सम्मानित किया था। बाद में भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री के० आर० नारायणन द्वारा आपको ‘भारत रत्न’ की सर्वोच्च उपाधि से सम्मानित किया गया। रक्षा के क्षेत्र में डॉ० कलाम कार्य सराहनीय है।

राष्ट्रपति के पद पर- जब श्री के० आर० नारायणन का राष्ट्रपति पद से कार्यकाल पूरा हुआ तभी डॉ० अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। चुनाव जीतकर आप 25 जुलाई, 2002 को भारत के बाहरवें रष्ट्रपति बने। आप एक ऐसे राष्ट्रपति हैं जो झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। आप तपस्या और त्याग की मूर्ति हैं। आज भी आप 18 घण्टे काम करते हैं। आप वीणा बजाने के शीकीन हैं।

उपसंहार- डॉ० अब्दुल कलाम एक पूर्णतः धर्म निरपेक्ष वैज्ञानिक हैं। भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के बाद भी वे हमेशा देश कल्याण की चिंता में डूबे रहते हैं। आपकी योग्यता सरलता और विनम्र स्वभाव के कारण सभी लोग प्रभावित हैं। आप पहले वैज्ञानिक हैं जो देश के राष्ट्रपति बने हैं। भगवान से प्रार्थना है कि आपको दीर्घायु और स्वस्थ्य प्रदान करे।

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