मेरी कक्षा का शरारती विद्यार्थी
Meri Kaksha ka Shararti Vidyarthi
गौरव मेरी कक्षा का सबसे शरारती विद्यार्थी है। ऐसा कोई भी दिन नहीं जाता जिस दिन वह कोई शरारत न करे। वह रोज कोई न कोई शरारत करता रहता है। वह विद्यालय में पढ़ाई में रुचि न होने की वजह से नहीं आता बल्कि वह विद्यालय में मजाक करने तथा शरारत करने के लिए आता है।
गौरव को प्राय: सजा मिलती है। उसके बाद वह रोता है और फिर कभी शरारत न करने का वादा करता है। पिछले सप्ताह गौरव ने हमारी कक्षा में काफी मुसीबत खड़ी कर दी। हमारे गणित के अध्यापक काफी सख्त व्यवहार के थे। वह अक्सर बच्चों को डाँटते थे। गौरव की शरारतों की वजह से वह उसे और भी ज्यादा डाँटते थे। गौरव भी उनसे बहुत चिढ़ता था। एक दिन गौरव ने गणित के अध्यापक के आने से पहले ही उनकी कुर्सी के नीचे एक पटाखा रख दिया तथा जब हमारे अध्यापक आकर हमें ब्लैक बोर्ड पर सवाल समझाने लगे तो उन्होंने अपना मुँह ब्लैक बोर्ड की तरफ कर रखा था तब वह भागकर गया और पटाखे में आग लगा दी तभी पटाखा इतनी जोर से बजा। हमारे अध्यापक एकदम से डर गए। सारे बच्चों का ध्यान भी एकदम से हट गया। हमारे अध्यापक को बहुत गुस्सा आया और उन्हें जब गौरव का पता लगा तो उन्होंने गौरव को बहुत डाँटा तथा अगले दिन उसकी शिकायत उसके माता-पिता से भी की।
इस प्रकार के कई ऐसे किस्से हो चुके हैं जब गौरव ने पूरी कक्षा को परेशान किया है। वह कई कई बार पूरे दिन प्रधानाचार्य के आफिस के बाहर खड़ा रहा है। सबसे बुरी बात तो यह है कि वह पढ़ाई में भी अच्छा नहीं है। इसके बावजूद भी वह पढ़ाई-लिखाई में गंभीर नहीं होता। वह बस इसी कोशिश में लगा रहता है कि किस प्रकार से शरारत की जाए। शरारत भी एक हद तक होनी चाहिए और हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारी शरारत से किसी को कोई नुकसान न हो।