Hindi Essay on “Meri Hawai Jahaj ki Yatra”, “मेरी हवाई जहाज की यात्रा”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरी हवाई जहाज की यात्रा
Meri Hawai Jahaj ki Yatra

पिछले महीने मैंने अपनी पहली हवाई यात्रा की। जब मैं दिल्ली से कोलकाता गया था। यह मेरी हवाई यात्रा का पहला अनुभव था जो कि बहुत रोचक था। मैं इस यात्रा में अपनी माँ के साथ गया था।

गुरुवार की सुबह हम हवाई यात्रा के लिए एयरपोर्ट पर समय से पहुँच गए। जब हम एयरपोर्ट पहुंचे तो वहाँ हमारी तथा हमारे सामान की तलाशी ली गई। उसके बाद हमने अपने पास प्राप्त किए। हमारा विमान भारतीय एयरलाइन्स का था। जो कि हमारे वहाँ पहुँचने के दस मिनट बाद ही आ गया। एयरपोर्ट बहुत खुला बड़ा तथा साफ था।

हमारा विमान काफी बड़ा था तथा उसमें बहुत सी खिड़कियाँ थीं। जब हम विमान के अन्दर गए तो विमान परिचारिकाएँ हमारा मार्गदर्शन करने के लिए तैयार थीं। उन्होंने हमें हमारी सीट दिखाई तथा बैठने को कहा। मेरी सीट खिड़की के पास ही थी।

जल्दी ही वायुयान यात्रियों से भर गया। उसके बगद विमान परिचारिकाएँ हमे बताने लगी कि किस प्रकार हमें अपनी सीट बेल्ट लगानी है तथा आपातकाल की स्थिति में किस प्रकार ऑक्सीजन मॉस्क का उपयोग करना। है। अब हवाई जहाज ऊपर उठने लगा और थोड़ी देर में ही आकाश में उड़ने लगा।

मैं अपनी खिड़की से बाहर देख रहा था। जहाँ से नीचे धरती का सबकुछ बहुत ही छोटा दिखाई दे रहा था। जहाज के भीतर विमान सेविकाएँ हमें ठंडा, चाय, बिस्कुट इत्यादि परोस रही थी। उसके भीतर बैठे हुए कुछ लोग पढ़ने में व्यस्त थे तथा कुछ लोग बातें कर रहे थे। उनमें एक मेरे साथ का लड़का भी था। हम दोनों भी दोस्त बन गए। जहाज 11 बजकर 20 मिनट पर उदयपुर उतर गया। यह मेरी छोटी-सी जहाज की यात्रा थी परन्तु मुझे इस यात्रा में बहुत मजा आया। मुझे यह यात्रा हमेशा याद रहेगी।

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