मेरा विद्यालय में पहला दिन
Mera Vidyalaya me Pehla Din
मुझे अपने स्कूल का पहला दिन अभी भी याद है। तब मैं पाँच साल का था। यह दिन मेरे लिए बहुत रोचक था। इस दिन मेरी माँ ने मुझे सुबह जल्दी उठा दिया। क्योंकि यह विद्यालय में मेरा पहला दिन था। उसके बाद नहाकर तथा नाश्ता करके मैंने अपनी स्कूल की वर्दी पहनी। मैं जल्दी से विद्यालय जाना चाहता था। मेरा बड़ा भाई तीसरी कक्षा में पढ़ता है तथा उसके विद्यालय में ही मैंने प्रवेश लिया था।
मेरे पिताजी हमें स्कूटर पर बैठा कर ले गए। हम सीधे प्रधानाचार्य के कमरे में गए। उन्होंने मुझे पहली कक्षा में दाखिला दे दिया। उसके बाद मेरे पिताजी मुझे प्रथम कक्षा में छोड़कर आए। तथा फिर अपने आफिस के लिए वहाँ से चले गए।
जब मैं अपनी कक्षा में गया मेरी कक्षा की अध्यापिका बहुत अच्छी थी। उन्होंने मुझे प्यार से बैंच पर बैठाया। मेरी कक्षा के विद्यार्थी भी बहुत अच्छे थे। वह सब मेरे साथ बात करने लगे।
आधी छुट्टी के दौरान मैं अपने भाई के साथ विद्यालय के मैदान में चला गया जहाँ काफी बच्चे खाना खा रहे थे तथा कुछ बच्चे तो खेल रहे थे। हम दोनों भाइयों ने वहीं खाना खाया। उसके बाद आधी छुट्टी खत्म होने के बाद मैं वापस अपनी कक्षा में आ गया। उस दिन कक्षा में नया नया अनुभव मिल रहा था। थोड़ी सी थकान भी हो रही थी। किन्तु विद्यालय में मजा भी आ रहा था फिर दो घंटे बाद घंटी बजी और छुट्टी हो गई। मेरा भाई मेरी कक्षा में मुझे लेने आया। हमारी माता हमें विद्यालय के गेट । पर ही मिल गई और मैं अपने घर की तरफ चल पड़ा।