मेरा रोचक कार्य – शौक
Mera Rochak Karya – Shauk
रोचक कार्य वे कार्य होते हैं जो हमें कुछ देर के लिए हमारी दिनचर्या से छुट्टी दिलाते हैं। जब दैनिक कार्यों से हमारा शरीर और मन थक जाता है तो हम मनोरंजन हेतु अपने शौक की ओर रुख करते हैं।
कविता लेखन मेरा शौक या हॉबी है। कवि के लिए तो कहा भी जाता है कि ‘जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि’। कविता सुनने वालों को भी कल्पना के पंख लग जाते हैं। लयबद्ध कविता कानों में रस घोल देती है और मन को छू जाती है।
हमारे साहित्य सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, टैगोर इत्यादि की कविताओं के भंडार हैं। इनकी कविताएँ पढ़ते-पढ़ते अब मैं और सुंदर ढंग से अपने भाव प्रकट करने लगा हैं।
कविता लेखन से मुझे अपने विचार प्रकट करने का अवसर मिलता है। मुझे अब प्रकृति की हर वस्तु में संगीत रचा हुआ प्रतीत होता है। विद्यालय की वार्षिक पत्रिका में मेरी कविता छपने से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिला है।
मेरी प्रधानाचार्या जी मुझे स्वयं बुलाकर इनाम भी देती हैं। मुझे दूसरे विद्यालयों । की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भी भेजा जाता है।
मैं अपने इस रोचक कार्य में अपनी माताजी के प्रोत्साहन का सदा आभारी रहूँगा।