मेरा प्रिय दोस्त
Mera Priya Dost
मैं राहुल हूँ तथा मैं चौथी कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरे कई मित्र हैं वे सभी मुझे अच्छे लगते हैं। परन्तु दीपक मेरा प्रिय दोस्त है। वह मुझे अच्छा लगता है। हमारे घर भी पास-पास हैं तथा हम रोज विद्यालय भी एक-साथ जाते हैं। हम दोनों पढ़ाई-लिखाई तथा खेलना, इत्यादि भी एकसाथ ही करते हैं। उसके पिताजी और मेरे पिताजी भी अच्छे दोस्त हैं। मेरे मित्र का नाम दीपक है। वह देखने में बहुत सुंदर है। वह सीधा व सरल है तथा उसका स्वभाव भी बहुत अच्छा है। वह सभी के साथ अच्छा व्यवहार करता है। वह स्कूल में अध्यापकों, घर में माता-पिता तथा सभी बड़ों का आदर करता है। मेरे मम्मी-पापा तथा हमारे सभी पड़ोसी दीपक को बहुत पसन्द करते हैं। मैं भी कुछ-कुछ उसके जैसा ही हूँ इसलिए मेरा स्वभाव व रुचियाँ भी उससे मिलती-जुलती हैं। इसलिए हम दोनों एक-दूसरे के पक्के साथी हैं। दीपक मेरा बहुत ख्याल रखता है। जितना मैं उसका पक्का दोस्त हूँ उतना ही दीपक मेरा पक्का दोस्त है। वह मेरे सुख-दुख का साथी है तथा हमेशा जब भी मुझे कोई दुख या परेशानी होती है तो वह हमेशा मेरी मदद करता है। मेरा प्रिय दोस्त है। वह कभी भी मुझसे नहीं लड़ता है। तथा जब भी मैं कोई गलती करता हैं तो वह मुझे प्यार से समझाता है कि मैं ऐसा गलत कार्य कभी न करू। वह पढ़ाई में भी अव्वल आता है। तथा हमेशा हमारी कक्षा में प्रथम आता है। इसलिए मैं भी उसी के साथ पढ़ता हूँ तथा वह मुझे पढ़ाता भी है। तथा मुझे समझाता भी है। वह मेरा सच्चा साथी है क्योंकि वह हमेशा खुश रहता है तथा मुझे भी खुश रखता है।