मेरा देश भारत
Mera Desh Bharat
Top 7 Hindi Essay on ” Mera Desh Bharat”
निबंध नंबर : 01
भारत मेरा देश है। यह योगी-साधुओं की धरती है। भारत दुनिया का सबसे पुराना देश है। यहाँ का ताजमहल दुनिया के अजूबों में गिना जाता है।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ अनेक धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। इसी वजह से यहाँ अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। यहाँ अनेक भाषाएँ भी बोली जाती हैं।
में भारत के सिर का ताज हिमालय पर्वत अपनी सुंदरता से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित करता है। भारत में गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पावन नदियाँ बहती हैं।
भारत के चरणों में विशाल समुद्र खजानों का भंडार है। भारत की जलसेना, थलसेना और वायुसेना से शत्रु सदा डरते हैं। भारतीयों की लगन और बुद्धि के चर्चे सब जगह हैं।
मुझे मेरा देश अति प्रिय है और इसकी स्वच्छता और वातावरण का पूरा ध्यान रखता हूँ।
निबंध नंबर : 02
मेरा देश भारत
Mera Desh Bharat
मुझे भारत माँ का बच्चा होने में बहुत गर्व है मैं उसका लड़का हूँ क्योंकि वही हमारा पालन-पोषण करती है। भारत एक बहुत विशाल देश है। यह एशिया के दक्षिण में स्थित है और यहाँ काफी बड़ी जनसंख्या रहती है। भारत की जनसंख्या विश्व में दूसरे स्थान पर है। इसके उत्तर में विशाल हिमालय पर्वत है तथा इसके दक्षिण में हिंद महासागर है।
भारत में अनेक महापुरुष हुए हैं। जैसे-राम, कृष्ण, महावीर, गौतम, गुरुनानक, दयानन्द इत्यादि। भारत में अनेक प्रतापी राजा रानी भी हुए हैं। जैसे-पोरस, राणा प्रताप, शिवाजी, रानी झाँसी इत्यादि। भारत देश बहुत सुंदर देश है। यहाँ की संस्कृति भी बहुत प्रभावी है। विदेशों से लोग यहाँ की संस्कृति से प्रभावित होकर घूमने आते हैं। भारत में अनेक ऐतिहासिक स्थल हैं तथा शानदार इमारतें हैं। भारत के आगरा का ताजमहल संसार के आठ अजूबों में से एक है। भारत की कला संस्कृति भी बहुत अच्छी है। जिसका नमूना भारत के विशाल मन्दिरों तथा अजंता एलौरा की गुफाओं से मिलता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
यहाँ कई प्रकार के कारखाने तथा औद्योगिक क्षेत्र हैं। धर्म, जाति के लोग रहते हैं तथा विभिन्न प्रकार की बोलियाँ यहाँ बोली हैं। यहाँ की पवित्र नदी गंगा नदी है। भारत बहुत धनी है। परन्तु यहाँ की जनता गरीब व अशिक्षित है। यहाँ के लोगों को शिक्षित करना होगा। मुझे अपना भारत देश बहुत अच्छा लगता है। तथा मैं हमेशा इसकी रक्षा करूगा।
निबंध नंबर : 03
हमारा देश भारत
Hamara Desh Bharat
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।
हम बुलबुले हैं इसके, ये गुलिस्तां हमारा ।।
भूमिका- हमारा भारत विश्व का प्राचीनतम देश है। यह देश ऋषि-मुनियों, साधु-सन्तों, समाज सुधारकों तथा आदर्श पुरुषों की भूमि है। इस देश का नाम ‘भारत’ दुष्यंत तथा शकुन्तला के वीर पुत्र ‘भरत’ के नाम पर पड़ा। यह प्राचीन देश विश्व गुरू धरती का स्वर्ग, देवताओं की जन्म भूमि तथा प्रकृति की क्रीड़ा-स्थली रहा है। दुनिया की अनेक संस्कृतियां मिट गई, परन्तु भारत की संस्कृति आज भी जीवित है।
भारत की स्वाधीनता- भारत कभी सोने की चिड़िया था, परन्तु विदेशियों ने इसे लूटा तथा शासकों ने सैंकड़ों वर्षों तक इसे गुलमाी भी जंजीरों में जकडे रखा क्योंकि यहाँ के निवासी अपनी शक्ति, वीरता एक एकता को भूल बैठे थे। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ तथा नए लोकतन्त्र के रूप में उदित हुआ।
भारत की सांस्कृतिक विशेषताएँ- इस भूमि में राम, कृष्ण, गाँधी, नानक, गुरू गोबिन्द सिंह, विवेकानन्द, दयानन्द, महावीर स्वामी आदि अवतारों, गुरुओं ने जन्म लिया। इसके इतिहास में चन्द्र गुप्त, चाणकय और अशोक जैसे व्यक्ति हुए। सुभाष, भगत सिंह, आजाद, नेहरू जैसे आजादी के परवाने इसके लिए जिए और मरे हैं।
इस देश में पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी, तेलगु, असमिया, बंगाली, मद्रासी, हिन्दी भाषा-भाषी लोग हैं। इसके उत्सव और त्यौहार तीर्थ और पूजा स्थल, मंदिर और मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे इसकी एकता के सूत्र में माला के दानों की भान्ति एक होते हैं।
यह देश जगद्गुरू रहा है। इसकी मिट्टी में वेदों की रचना हुई। गीता का ज्ञान, महाभारत, रामायण, रामचरित मानस, गुरु ग्रन्थ साहिब इसके पावन ग्रन्थ हैं। युधिष्ठर, कर्ण, हरिशचन्द्र जैसे सत्यवादी और दानवीर चरित्र इससे उपजे हैं। यहाँ सीता, सवित्री, लक्ष्मी बाई, दुर्गावती जैसी नारियों ने जन्म लिया है। बाल्मीकी, व्यास, कालिदास, भवभूति, तुलसी, सूर, मीरा, रविन्द्र नाथ टैगोर जैसे कवि श्रेष्ठ इसके गौरव को बढ़ाते हैं। हिमालय उच्च भाल की तरह यही चमकता है। इसी देश में गंगा-यमुना की पवित्र धाराएँ बहती हैं।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद का भारत- आज हम स्वतन्त्रता एवं सर्वप्रभुत्ता सम्पन्न हैं। कृषि के क्षेत्र में यहाँ हरित क्रान्ति आई है और उद्योग क्षेत्र में भी भारत ने अभूतपूर्व विकास किया है। स्वतन्त्रता प्राप्ति से पूर्व हम छोटीछोटी वस्तुएं विदेशों से मंगवाते थे, पर आज बड़ी-बड़ी मशीन बाहर भेजते हैं। अब हम विदेशों के मोहताज नहीं हैं। भारत के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी, अग्नि, नाग, त्रिशल, वज्र आदि के सफल परीक्षण से यह सिद्ध कर दिया है कि वे किसी से पीछे नहीं हैं। परमाणु परीक्षण करके भारत ने विश्व को चौंका दिया है।
उपसंहार- हमारा भारतवर्ष महापुरुषों की भूमि है। अत: हमारा कर्तव्य है कि हम आपस में न लड़ें, एकता से रहें तथा सभी धर्मों का आदर करना सीखें। सभी धर्म अच्छी राह दिखाते हैं, तथा ईश्वर तक पहुचन कमा यह दश वारा का देश है, अत: हमें चाहिए कि देश की एकता. अखण्डता तथा स्वाधीनता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दें।
निबंध नंबर : 04
मेरा देश भारत
Mera Desh Bharat
मेरा देश महान है। उसकी भौगोलिक स्थिति की भी अपनी विशेषता है। यह देश बहुत बड़ा है। काश्मीर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है। इसकी जनसंख्या संसार में चीन के बाद दूसरे नं० पर है। यह कई प्रान्तों और केन्दीय शासित प्रदेशों में बंटा हुआ है। यह राष्ट्र सबसे बड़ा प्रजातन्त्र राष्ट्र है) इसमें लोकसभा के 550 सदस्य हैं और दो हजार से उपर विधानसभाओं के सदस्य हैं। इसके उत्तर में हिमालय का पर्वत मुकुट है। कश्मीर भारत का अटूट अंग है जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है। यही पर रावी, गंगा, यमुना, सतलुज, व्यास नदियां बहती हैं। यहां की ऋतएं अपनी-अपनी निधि बखेरती हैं। बसंत में सास देश दुल्हन की भान्ति खिल उठता है। वर्षा ऋतु अपना अलग ही सौन्दर्य दिखलाती है। मेरे देश भारत में अनेकता में एकता के गुण पाए जाते हैं। यहाँ पर अनेक जातियां हैं- उनके विश्वास अनेक हैं फिर भी देश प्रेम एक ऐसी चीज है जिसने सबको एक सूत्र में बांधा हुआ है। इसी भूमि में राम. कृष्ण, गांधी, गौत्तम, नानक, गुरू गोविन्द सिंह, विवेकानन्द, दयानन्द, महावीर स्वामी आदि अवतारों गुरुओं ने जन्म लिया। सुभाष, भमत सिंह, आजाद, नेहरु जैसे आजादी के परवाने इसके लिए जिए और मरे हैं। यह देश जगतगुरु रहा है तो सोने की चिड़िया भी। गीता का ज्ञान, महाभारत, रामायण, मानस, गुरू ग्रन्थ साहिब इसके पावन ग्रन्थ हैं। पदाँ सीता सवित्री-लक्ष्मीबाई, दुर्गावती-जैसी नारियों ने..जन्म लिया है। इस देश में पंजाबी, गजराती, मद्रासी, राजस्थानी तेलग, असमिया, बंगाली, हिन्दी भाषा-भाषी लोग रहते हैं। इनके उत्सव और त्यौहार, तीर्थ और पोस्थल, मन्दिर-मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे इसकी एकता के सूत्र में माला के दानों की भांति एक होते हैं।
निबंध नंबर : 05
मेरा देश भारत
मुझे अपने देश भारत पर बहुत गर्व है। यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातन्त्र है। चीन के बाद भारत जनसंख्या के हिसाब से विश्व में दूसरे नम्बर पर है। भारत विश्व में औद्योगिक राष्ट्रों के क्रम में सातवें नम्बर पर है। हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है। हमारी सैनिक शक्ति भी प्रथम पाँच में है।
भारत ‘विभिन्नता में एकता’ का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। सभी धर्मों के लोग यहाँ साथ-साथ रहते हैं। कई विभिन्न भाषाएँ यहाँ बोली जाती हैं। कहा जाता है कि हर दो सौ किलोमीटर के बाद कोई भी व्यक्ति खानपान, कपड़े, भाषा, घरों आदि में बदलाव महसूस कर सकता है।
भारत के उत्तर में बर्फ से आच्छादित हिमालय पर्वत श्रृंखला है तो दूसरी ओर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके हैं जो देश में हर प्रकार के मौसम के होने के उदाहरण हैं। हमारे देश का समुद्र तटीय इलाका बहुत ज्यादा है। भारत में प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सम्पदा की भरमार है।
हमारा देश दूध का उत्पादन करने में विश्व में प्रथम नम्बर पर है। चीनी एवं गेहूँ के उत्पादन में भी हमारा देश सबसे आगे है। भारतीय पूरी दुनिया में अपनी तकनीक एवं बौद्धिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। संसार भारत के अभियंताओं का स्वागत करता है। सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र में भी का बोलबाला है।
हमारा इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। हमने संसार को योग एवं दिया है। संसार में भारतीय विद्वानों, वैज्ञानिकों और नेताओं को दल दृष्टि से देखा जाता है। विश्व में भारत को एक महान् और महत्त्वपर्ण गाव का दर्जा प्राप्त है।
निबंध नंबर : 06
हमारा देश भारत
Our Country: India
रूप–रेखा
प्राचीन और महान देश, सभ्यता और संस्कृति, जलवायु और स्थिति, ऋतु एवं फसलें, प्राकृतिक संसाधन, मौसम, नदियाँ, अनेकता में एकता का देश, आर्थिक स्थिति और वैज्ञानिक प्रगति, वीरों और महापुरुषों की भूमि, आपसी भाईचारा ।
भारत विश्व के प्राचीन देशों में से एक है । प्राचीन समय में भी यहाँ की सभ्यता और संस्कृति बहुत उन्नत थी । वेदों की रचना के द्वारा ज्ञान का प्रकाश फैला । भारत को विश्व गुरु की संज्ञा दी गई । दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर इस देश के नाम भारत पड़ा । वेदों, पुराणों और उपनिषदों के माध्यम से समाज में ऊँचे आदर्शों की स्थापना हुई । ऋषि-मुनियों और संतों की वाणी से संसार में ज्ञान का आलोक फैला।
विश्व के मानचित्र पर भारत उत्तर-पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है । यहाँ समशीतोष्ण जलवायु पाई जाती है। भारत के उत्तर में हिमालय की लंबी पर्वत श्रृंखला है । हिमालय भारत का मुकुट है । दक्षिण में हिन्द महासागर इसके पाँव धोता है । पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर है । इस प्रकार भारत तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है । यहाँ एक वर्ष में छह ऋतुएँ बारी-बारी से आती हैं । ऋतु परिवर्तन तथा वर्षा के कारण यहाँ अनेक तरह की फसलें उगाई जाती हैं । गेहूँ, चावल, दाल आदि के अतिरिक्त हमारे देश में तरह-तरह की फल-सब्जियाँ भी पैदा होती हैं।
भारत में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है । कोयला, ताँबा, अभ्रक, लोहा आदि खनिजों के यहाँ विशाल भंडार है । गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी आदि नदियाँ अपने जल से भारत-भूमि को सिंचित करती हैं। उत्तरी मैदानों की भूमि बहुत उपजाऊ है । भारत में जलवायु की दृष्टि से काफी असमानताएँ देखने को मिलती हैं । उत्तरी भारत में गर्मियों में अधिक गर्मी तथा सर्दियों में अधिक ठंड पड़ती है । दक्षिण भारत में सम जलवायु पाई जाती है। पर्वतीय क्षेत्रों में ठंडी जलवायु पाई जाती है। भारत की विशालता के कारण यहाँ एक ही समय में अलग-अलग प्रकार की जलवायु देखने को मिलती है । यहाँ की भूमि भी एक जैसी नहीं है । कहीं पर्वत हैं तो कहीं गहरी खाइयाँ, कहीं समतल मैदान हैं तो कहीं पठार ।
भारत अनेकता में एकता का देश है । यहाँ अनेक धर्म, संप्रदाय, जाति और भाषा के लोग रहते हैं । यहाँ 28 प्रान्त और 7 केन्द्रशासित प्रदेश हैं । प्रांतों की अपनी-अपनी भाषाएँ हैं । परन्तु हिन्दी और अँगरेज़ी भाषा पूरे देश में बोली जाती है । इनमें से हिन्दी राष्ट्रभाषा और अँगरेजी संपर्क भाषा है। रीति-रिवाजों में भी भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में काफी अंतर पाया जाता है । यहाँ प्रत्येक स्तर पर विविधताओं के दर्शन होते हैं । फिर भी भारत एक है क्योंकि हमारी संस्कृति और हमारे आदर्श एक हैं।
प्राचीन काल में भारत एक धनी देश था । आज भी हमने बहुत उन्नति की है। हम लोग वैज्ञानिक प्रगति में किसी देश से पीछे नहीं हैं। आजादी के बाद से भारत लगातार प्रगति कर रहा है । पहले हम छोटी-मोटी चीजें भी विदेश से मँगाते थे, आज हम बडी-बडी मशीनें निर्यात करते हैं। हमारी सैनिक शक्ति भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है । हमारा लोकतंत्र निरंतर फला-फूल रहा है । भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
भारत वीरों और महापुरुषों की भूमि है । राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, नानक, गाँधी जैसे महापुरुषों ने भारत का नाम पूरे विश्व में ऊँचा किया है। इन्होंने हमें देश के लिए बलिदान होने की शिक्षा दी है । हमें देश की अखंडता और एकता के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने के लिए तैयार रहना चाहिए । हमें सभी धर्मों का सम्मान करते हुए आपस में प्रेमपूर्वक रहना चाहिए । यही भारत की असली पहचान है।
निबंध नंबर : 07
मेरा देश
My Country
मेरा देश भारत है। यह इंडिया और हिन्दुस्तान के नाम से भी प्रसिद्ध है । मेरा देश महान है । दुनिया का और कोई ऐसा देश नहीं जिसने इतनी बड़ी संख्या में महापुरुषों और विचारकों को जन्म दिया हो । राम, कृष्ण, महावीर और बुद्ध को कौन नहीं जानता । नानक, कबीर, तुलसी आदि संत देश की आत्मा हैं । गाँधी, टैगोर और नेहरू देश की पहचान हैं। हमारो सभ्यता बहुत पुरानी है । वेद, पुराण, उपनिषद और गीता केवल हमारे धर्मग्रंथ ही नहीं. इनमें जीवन का सारा निचोड़ है । हमारे देश ने हमेशा दुःखी और पीड़ित व्यक्तियों के आँसू पोछे हैं । हमने लुटरों और विदेशी आततायियों को भी आश्रय दिया है । आज हम स्वतंत्र हैं। हमारा देश उन्नति के शिखर को छने की कोशिश कर रहा है । विज्ञान और तकनीकी के सहारे भारत के लोग अपनी समस्याओं पर विजय की प्राप्ति की ओर अग्रसर हैं । विश्व शांति के लिए भारत लगातार प्रयत्नशील है।
शब्द–भंडार
विचारकों = विचार करने वालों । आश्रय – घर, सहारा । निचोड़ = सार, मूल बात । आततायियों = अत्याचार करने वालों । अग्रसर में आगे बढ़ा हुआ। शिखर = चोटी।
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This essay is too short but nice and please next time post lenghthy essay because essay is written in 4to5 page
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Mera Desh Mahan Nahi Raha….. Moodhee-bi aur uskey parshansak apney aa[ se ye sawal karein ke kya sach-much “MERA DESH MAHAM HEI YA NAHI????”
It’s short but it’s worth I loved the content 👍
It’s short but it’s worth I loved the way it’s described 👍I’m fully satisfied.
Nice content!
very good but its a little short essay
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BHAISE KI OP YAR NICE
OH ! NICE