मैं रेगिस्तानी जहाज हूँ–ऊँट
Main Registani Jahaj Hoon – Oonth
आपको अपने आस-पास हरियाली और बहता पानी देखने की बहुत आदत है। लेकिन कुछ जगह ऐसी भी होती हैं जहाँ कोई पेड़-पौधे नहीं होते। यहाँ सूरज की गरम किरणें सारा पानी सुखा देती हैं और केवल रेत ही बचती है। ऐसी रेतीली जगह को रेगिस्तान कहते हैं। भूख, प्यास और गरमी से यहाँ कोई भी जीवित नहीं रह सकता।
मैं अकेला ऐसा जानवर हूँ जो कई दिनों तक की भूख-प्यास सह कर भी रेगिस्तान की गरम रेत पर बहुत दूर तक चल सकता हूँ। मेरी आँखें रेतीली आँधी में भी रास्ता ढूंढ लेती हैं। मेरी नाक के बाल रेत नाक में नहीं जाने देते। मेरे पैरों के नीचे की मोटी चमड़ी रेत की गरमी से मुझे बचाती है।
मेरी सवारी से ही आप रेगिस्तान पार कर सकते हैं। इसलिए मुझे रेगिस्तानी जहाज भी कहते हैं।