मैं बहती हवा हूँ
Main Behati Hawa Hu
प्रकृति ने आपको ऐसे अनेक उपहार दिए हैं जिनके बिना आपका जीवन नहीं चल सकता। मैं भी एक अनमोल उपहार हूँ। मैं बहती हवा हूँ जिसमें आप सांस लेते हैं। गरमी में कूलर, पंखों के नीचे बैठ आप ठंडी हवा का आनंद लेते हैं।
आप अपनी पतंग उड़ाने के लिए भी मेरा इंतजार करते हैं। गुब्बारों में हवा भर आप अपने जन्मदिन की तैयारी करते हैं।
आग भी मेरे होने से ही जलती है। यदि जलती मोमबत्ती पर आप उलटा गिलास रखें तो उसके आस-पास की हवा समाप्त होने से वह बुझ जाएगी।
आपकी ही तरह पक्षी और पौधे भी मेरे बिना जीवित नहीं रह सकते।
आपको ईश्वर की इस अनुपम भेंट के लिए धन्यवाद करना चाहिए।
Good:)