Hindi Essay on “Loktantra aur Chunav”, “लोकतंत्र और चुनाव”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

लोकतंत्र और चुनाव

Loktantra aur Chunav 

Hindi-Essays

Hindi-Essays

Essay # 1

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक गणतंत्र है। लोकतंत्र में जनता को सर्वोच्च शक्ति प्राप्त होती है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक को उन्नति के समान अवसर मिलते हैं। भारत के लोकतांत्रिक देश होने के कारण यहाँ की जनता व्यवस्थापिका तथा न्यायपालिका के सदस्यों का निर्वाचन करती है। निष्पक्ष और नियमित अंतराल के बाद होने वाले चुनाव किसी भी लोकतंत्र को सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं। भारत जैसे लोकतंत्र में नागरिकों के बीच कोई भेदभाव नहीं होता। यहाँ प्रत्येक नागरिक को अपनी अभिव्यक्ति के अधिकार की स्वतंत्रता मिलती है। भारत में लोकसभा, विधानसभा, नगरपालिकाओं के सदस्य प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति से चुने जाते हैं। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष विधि से किया जाता है। राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचित मंडल करता है। इसका कार्यकाल पाँच वर्ष है। उपराष्ट्रपति का चुनाव सांसद करते हैं। लोकसभा में जिस दल का बहुमत होता है, उसके सदस्य अपना नेता चुनते हैं और वही नेता प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करता है। जनता प्रत्यक्ष रूप से लोक सभा के सदस्यों का चुनाव करती है। प्रधानमंत्री इन चुने हुए नेताओं में से अपना मंत्रिमंडल बनाता है। विधान सभा के सदस्य राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन करते हैं। हमारे देश में चुनाव की स्वच्छ प्रक्रिया है। यह वयस्क मताधिकार के आधार पर होता है। 18 वर्ष की आयु वाले भारतीय नागरिक बिना किसी भेदभाव के अपने प्रतिनिधियों को चुनने हेतु मतदान कर सकते हैं। वास्तव में लोकतंत्र में प्रत्येक वैधानिक सरकार का मूल उद्देश्य नागरिकों की स्वतंत्रता और उनकी खुशी ही रहता है।

 

लोकतंत्र और चुनाव

Loktantra Aur Chunav

Essay # 2

लोकतंत्र में ‘लोक’ का महत्त्व • जनता की आवाज़ : चुने हुए प्रतिनिधि • प्रतिनिधि चुनने से लोकतंत्र की रक्षा • सही प्रतिनिधि कैसे चुनें।

लोकतंत्र लोगों द्वारा बनाई गई शासन-प्रणाली का नाम है। इसमें लोक-इच्छा को सर्वोच्च माना जाता है। लोग जैसा समाज चाहत है, जैसे नियम कानून चाहते हैं, वैसे ही नियम-कानून बनाए जाते हैं। लोकतंत्र को चलाने वाले नेता जनता द्वारा चुने जातेहैं। जनता गुप्त मतदान करक अपने प्रतिनिधि चुनती है। येचुने हुए विधायक या संसाद जनता के प्रतिनिधि होते हैं। उनसे आशा की जाती है कि वे जनता की आवाज का सम्मान करेंगे। सामान्य रूप से ये जन-प्रतिनिधि जनता की भावनाओं का ध्यान रखते हैं। वे संसद या विधानसभा में जाकर जनता के हित में काम करते हैं। माना कि सबके सब लोग कभी अपनी राय ना दे सकते। न ही सभी को खुश किया जा सकता है। इसलिए लोकतंत्र में बहुमत का राज चलता है। आधे से अधिक मत जीतने वाले लोग सरकार चलाते हैं। जो प्रतिनिधि हार जाते हैं वे भी लोकतंत्र में सहायक होते हैं। वे सरकार को मनमानी नहीं करने देते। वे सरकार के हर गलत कदम का विरोध करके उस पर दबाव बनाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम अपने प्रतिनिधि विवेक और ईमानदारी से चुनें। हम जात-पात, अमीर-गरीब या लोभ-लालच में फंसे बिना सच्चे प्रतिनिधि चुनें। तभी लोकतंत्र सफल होगा।

Leave a Reply