पुस्तकालय
Library
आज के युग में पुस्तकालय (लाइब्रेरी) का महत्त्व बढ़ गया है। हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं कि वह हर पुस्तक खरीद सके। इसलिए पुस्तकालय की शरण लेनी पड़ती है। प्रत्येक विद्यालय में अपना पुस्तकालय होता है। ज्ञान प्राप्त करने वाले लोग पुस्तकालयों का सहारा लेते हैं। हमारे स्कूल का नाम डी० ए० वी० सैं० स्कूल है। यह एक बहुत बड़ा स्कूल है। इसमें लगभग 1800 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल बड़ा साफ-सुथरा और कमरे हवादार हैं। हमारे प्रधानाध्यापक जी बड़े कुशल और समझ्दार हैं। हमारे स्कूल के एक बड़े कमरे में पुस्तकालय बना हुआ है। इसकी दीवारों पर विद्वानों के चित्र लगे हुए हैं। एक बोर्ड पर चुप रहने का अनुरोध किया हुआ है। हमारे पुस्तकालय में कई समाचार-पत्र, पत्रिकाएं आती हैं। हमारे पुस्तकालय में मुख्य तीन विभाग हैं। अंग्रेज़ी, हिन्दी , पंजाबी। इनमें विभिन्न विषयों से सम्बन्धित कई हजार पुस्तकें हैं। उन पर नम्बर लगे हुए हैं। पुस्तकों की जानकारी प्राप्त करने के लिए कैटलॉग भी बनाया गया है। हमें एक पुस्तक एक सप्ताह के लिए मिलती है। यदि निश्चित तिथि के बाद पुस्तक लौटाते हैं तो जुर्माना देना पड़ता है। किसी पुस्तक पर स्याही से कुछ लिखना या पृष्ठ फाड़ना सख्त मना है। अध्यापक भी पुस्तकालय से पुस्तक लेते हैं। हमारा पुस्तकालय अत्यन्त साफ एवं हवादार है। मझे अपने स्कूल का पुस्तकालय बहुत अच्छा लगता है।