Hindi Essay on “Hockey ka Khel ”, “हॉकी का खेल”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

हॉकी का खेल

Hockey ka Khel 

 

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। यह ऐसा खेल है जो मनुष्य के तन व मन दोनों को स्वस्थ रखने में सहायता करता है। क्योंकि खेल खेलने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। हॉकी भी ऐसा ही खेल है जो भारत के सभी राज्यों में खेला जाता है तथा भारत के अलावा यह खेल बहुत से देशों में खेला जाता है।

हॉकी खेलने से तन व मन दोनों में स्फूर्ति आती है। यह एक मनोरंजक खेल है। हॉकी की दो टीमें होती हैं जो आपस में एक-दूसरे के खिलाफ हॉकी खेलती है। दोनों टीमों के खिलाड़ी हॉकी लेकर तेजी से गेंद के पीछे दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। यह एक तेज दौड़ वाला खेल है जिसमें खिलाड़ियों को गेंद के पीछे तेजी से भागना पड़ता है और हॉकी की सहायता से गोल करना होता है। इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी को चुस्त व सावधान रहना पड़ता है। क्योंकि जरा सी नजर हटते ही खेल बिगड़ सकता है। इसलिए दोनों टीमों के खिलाड़ियों को चुस्ती के साथ खेलना पड़ता है। हर टीम के पास एक गोल रक्षक होता है। जो की गोल की रक्षा के लिए बीच में खड़ा होता है तथा खेल के अनुसार गोल की रक्षा करता है। हर टीम का खिलाडी अपनी टीम को जिताने का पूरा प्रयास करता है और जो भी टीम ज्यादा चस्ती के साथ खेलती है वही विजेता बनती है। भारत के प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ियों में ध्यानचंद तथा धनराज पिल्लै प्रमुख हैं। वे विश्वस्तर के हॉकी खिलाड़ी हैं।

भारत भी हॉकी में हमेशा से ही अच्छा प्रदर्शन करता आ रहा है। सन् 1928 में भारत पहली बार हॉकी का विश्व विजेता बना तथा ओलम्पिक खेलों में भारत ने स्वर्ण पदक जीता। भारत कई वर्षों तक विजेता रहा। फिर सन् 1980 में मॉस्को में हुए ओलम्पिक में भारत ने पुनः स्वर्ण पदक जीता। हॉकी एक ऐसा खेल है जो पुरुष व महिलाओं के द्वारा समान रूप से खेला जाता है। आज हॉकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल बन गया है यह भाईचारे की भावना को बढ़ाता है।

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