Hindi Essay on “Hariyana Mera Priya Prant”, “हरियाणा मेरा प्रिय प्रान्त”, Hindi Nibandh, Anuched for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

हरियाणा मेरा प्रिय प्रान्त

Hariyana Mera Priya Prant

भूमिका- प्रत्येक देश अनेक ग्रामों और नगरों के मेल से बनता है। हमारे राष्ट्र के निर्माण में भी अनेक प्रान्त मिलते हैं। राष्ट्र अथवा देश की प्रगति और विकास इन प्रदेशों अथवा राज्यों या प्रान्त की प्रगति से जाना जा सकता है। राज्य विशेष अलग होते हुए भी सर्वथा अलग नहीं होते हैं, अपितु उनकी सार्थकता राष्ट्र के साथ ही होती है। हरियाणा हमारे राष्ट्र का एक महत्त्वपूर्ण प्रान्त है जिसकी अपनी अलग पहचान है।

ऐतिहासिक स्थिति- पौराणिक धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार दो नदियों के बीच के भू भाग को हरियाणा का नाम दिया गया। महाभारत काल में इसे ‘बहुधान्यक’ नाम दिया गया क्योंकि यहां चारों और हरियाली थी और देश अन्न का भण्डार था। मनुस्मृति में भी इसे हरियाणा नाम दिया गया है। तेरहवीं शताब्दी के आरम्भ से इसे ‘हरियान’ नाम से पुकारा जाता था। कुछ विद्वानों ने हरे-भरे जंगलों के कारण इसे हरि अरण्य कहा है जो बाद में विगड़ कर हरियाणा बन गया। एक मत के अनुसार यहाँ हरि (श्री कृष्ण) जी आए अतः यह प्रदेश हरियाणा कहलाया।

इस प्रान्त के साथ पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली की सीमाएं हैं। नवम्बर सन् 1966 को इसे पंजाब प्रान्त से अलग किया गया और इस प्रदेश का नाम हरियाणा रखा। इस प्रदेश की धरती कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ तथा श्रीकृष्ण जी के मुखारविन्द से गीता से अमृत की वर्षा हुई थी। जब-जब भारत पर विदेशी आक्रमणकारी आए तो यहाँ के लोगों ने उसका मुंह तोड़ जवाब दिया। हण, कुषाण आदि जातियों को यहाँ से खदेड़ा गया था। थानेसर को भारत के अन्तिम सम्राट हर्षवर्धन ने अपनी राजधानी बनाया था। प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में यहाँ के लोगों ने अंग्रेज़ी सेना के छक्के छुड़ाए थे। भाषा के आधार पर जब हरियाणा को अलग किया गया तो इस प्रान्त के प्रमुख जिले अम्बाला, रोहतक, करनाल, हिसार, गुड़गावा, कुरुक्षेत्र, महेन्द्रगढ़, पानीपत तथा जींद थे। बाद में फरीदावाद को भी जिले का रूप दिया गया। हरियाणा एक कृषि प्रधान देश है। यह प्रदेश गाँवों का प्रदेशहै जिसमें भारतकी आत्मा निवास करती है। यहाँ अधिकतर जाट, गूजर, अहीर, राजपूत तथा सैनी जातियाँ बसती हैं। कुछ जिलों में पंजाबी सिक्ख भी निवास करते हैं। इनका मुख्य व्यवसाय कृषि और पशु पालन है।

सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन- हरियाणा की धरती वीरों की धरती रही है। महाभारत के युद्ध के महान् योटा दोण भीष्म, भीम, अर्जुन, दुर्योधन, जरासंध जैसे अनेक वीरों की यह जन्मभूमि है। मुगल सम्राट अकबर को नाको चने चबवाने वाले वीर हेमू का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। पानीपत की लडाई इतिहास प्रसिद्ध लडाई रही है। भारत पाक युद्ध में यहाँ के वीरों ने शत्रु को परास्त किया तथा वीर चक्र और महावीर चक्र प्राप्त किए। हरियाणा पुलिस के वीर कर्मचारियों ने राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक प्राप्त कर हरियाणा के नाम को विशेष गौरव दिलवाया।

हरियाणा एक कृषि प्रधान प्रान्त है। अन्न की उपज में आज हरियाणा भारत में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यहाँ के लोग परिश्रमी, सरल-सीधे और भगवान् को मानने वाले हैं। यहाँ के लोग ज्यादातर अपने झगड़ों को पंचायतों द्वारा ही निपटा लेते हैं। हरियाणा में पंजाब की तरह पर्व, त्योहार, तीज आदि मनाए जाते हैं। कुरुक्षेत्र का कुम्भ का मेला जो सूर्य ग्रहण के अवसर पर लगता है विशेष रूप से उल्लेखनीय है। हरियाणा के लोकगीत और लोकनृत्य अपना विशेष आकर्षण रखते हैं। ग्रामीण लोगों की अपनी विशेष तालाब, हिसार के टीले, पानीपत का कवाली बाग तथा हुमायूं का चबूतरा, करनाल का गुरुद्वारा मंजी साहिब, शिवालिक पर्वत श्रृंखलाएं विशेष उल्लेखनीय हैं।

हरियाणा का विकास- जब से हरियाणा अलग प्रान्त के रूप में अस्तित्व में आया है तब से इस प्रान्त ने बडी उन्नति की है। प्रत्येक गाँव को सड़क से जोड़ दिया गया है। यातायात के साधनों में विकास हुआ है। उद्योग धन्धों विकास की ओर अग्रसर हैं। शिक्षा के क्षेत्र हरियाणा ने उल्लेखनीय प्रगति की है। यहाँ कुरुक्षेत्र तथा रोहतक विश्वविद्यालय है जिनमें उच्च शिक्षा एवं इन्जीनियरिंग की शिक्षा भी दी जाती है। यहाँ सारे कार्य राजभाषा हिंदी होने के कारण हिंदी में ही किए जाते हैं। उद्योग धन्धों में भी हरियाणा प्रगति के पथ पर बढ़ता जा रहा है। यहाँ के प्रमुख उद्योग धन्धे कागज, स्लेट चीनी मिट्टी के उद्योग हैं।

उपसंहार- अलग प्रान्त बनने के बाद हरियाणा ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। यहाँ पर कृषि और उद्योग धन्धों का विकास तेजी से हो रहा है। यहाँ यातायात और विद्युत की समुचित व्यवस्था है। हरियाणा अपनी प्राचीन संस्कृति एवं इतिहास को समेटे हुए हैं और नवीनता की ओर अग्रसर हो रहा है।

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