ग्लोबल वार्मिंग के खतरे
Global Warming ke Khatre
Essay No. 1
आज विश्वभर में ग्लोबल वार्मिंग पर बहस चल रही है। पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इससे ग्लेशियर (हिमनद) व हिमखंड (आइसबर्ग) पिघल रहे हैं और प्रतिदिन समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। समुद्र का जलस्तर बढ़ने से समुद्र के किनारे बसे शहर के शहर जलमग्न हो रहे हैं। अगर इसी प्रकार पृथ्वी का तापमान बढ़ता रहा और हिमखंड पिघलते रहे तो एक दिन अवश्य पूरी पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी। ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण ग्रीन हाउस गैसों में बढ़ोत्तरी है। ग्रीन हाउस गैसों में बढ़ोतरी के लिए प्रमुख रूप से अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश उत्तरदायी हैं। इस मुददे पर प्रत्येक वर्ष सम्मेलन होते हैं, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकलता, क्योंकि अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश अपनी ग्रीन हाउस गैसों में कमी करने पर सहमत नहीं हो पाते। चूँकि ये शक्तिशाली देश हैं इसलिए उन पर कोई दबाव भी नहीं बना पाता कि उन्हें ऐसा करना ही होगा। इसलिए यह ग्लोबल वार्मिग निरंतर बढ़ ही रही है। आज इससे होने वाले खतरे से सभी चिंतित हैं क्योंकि इससे पूरे विश्व को खतरा है। इसलिए जितनी शीघ्र इस पर नियंत्रण कर लिया जाएगा, पूरी दुनिया के लिए उतना ही बेहतर होगा।
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे
Global Warming ke Khatre
Essay No. 2
विचार-बिन्दु- •ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ • खतरे • प्रभाव • बचाव हेतु उपाय।
ग्लोबल वार्मिग का अर्थ है-पृथ्वी का ताप बढ़ रहा है। वातावरण में गर्मी बढ़ रही है। बढ़ते तापमान के खतर अनक हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि सारा वायुमंडल गर्म हो जाएगा। लोग झुलसेंगे और अनेक रोगों से ग्रस्त होंगे। दूसरा खतरा प्राकृत साधनों को होगा। बर्फ के पहाड़ पिघलेंगे। परिणामस्वरूप बाढ आएगी। नदियों का जल-स्तर बढ़ेगा। समुद्र उफनेगा। धरता का व्यास कम होगा। हर तरफ विनाश और तबाही का साम्राज्य होगा। परमाणु भटियों तथा अत्यधिक ऊर्जा के कारण जो रेडिओधर्मी किरणें निकलेंगी, उनके कारण ओजोन परत में छेद हो जाएगा। परिणामस्वरूप त्वचा को झुलसा देने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणें धरती पर आएंगी और जनजीवन को ध्वस्त कर देंगी। ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से उबरना बहुत आवश्यक है। इसके लिए कर्जा के अनावश्यक उपयोग से बचना होगा। हरियाली को बढ़ावा देना होगा। धरती को हरा-भरा रखना होगा।