डॉक्टर (चिकित्सक)
Doctor
समाज में डॉक्टर का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि डॉक्टर ही है जो कि बीमार तथा परेशान आदमी को ठीक करता है तथा उसे राहत दिलाता है। इसके बिना बीमार व्यक्ति लगातार परेशान रहता है तथा वह बिमारी के कारण मर भी जाता है।
डॉक्टर बहुत व्यस्त होता है। वह रात दिन काम करता है। वह सुबह जल्दी अपने क्लीनिक पर चला जाता है। अगर वह किसी अस्पताल में काम करता है तो वह वहाँ चला जाता है। मरीज हमेशा उसका इंतजार करते रहते हैं। वह तभी अपना काम शुरू कर देता है। वह एक के बाद दूसरे को देखता है। वह अपने साथ स्टेथोस्कोप भी रखता है जिससे वह मरीज की छाती का निरीक्षण करता है। अगर उसे बीमारी का पता चलता है तो वह उसका ईलाज करता है तथा उसे कुछ दवाईयाँ खाने को देता है। वह उसे यह भी बताता है कि उसे क्या खाना खाना चाहिए और उसके लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
डॉक्टर का स्वभाव बहुत शांत तथा मीठा होता है। वह अपने हर मरीज के साथ बड़े प्यार से बात करता है। उसकी एक-एक बात को ध्यान से सुनता है तथा उसका ईलाज करता है। वह कभी भी अपने मरीजों से गुस्से में बात नहीं करता। वह हमेशा मरीजों के प्रति दयालुता रखता है तथा अपनी तरफ से मरीज को ठीक करने की पूरी कोशिश करता हैं।
हमारे भारत देश में भी शहरों में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है परन्तु गाँवों में डॉक्टरों की कमी है। गाँव के लोग इलाज के बिना मर जाते हैं क्योंकि उन्हें ईलाज के लिए दूर शहरों में आना पड़ता है। अतः यह जरूरी है कि सरकार गाँवों में भी अस्पताल का निर्माण करवाए तथा उन्हें भी डॉक्टरों की सुविधा दे।