कम्प्यूटर के लाभ
Computer ke Labh
निबंध नंबर:- 01
वैज्ञानिकों के द्वारा अनेक आविष्कार किए गए हैं जिनमें एक छोटी से छोटी घरेलू चीज से लेकर बड़े-बड़े वायुयान, रॉकेट इत्यादि शामिल हैं। वैज्ञानिकों के इन आधुनिक आविष्कारों में एक आविष्कार कम्प्यूटर का निर्माण करना भी है। जिससे मनुष्य का समय तथा श्रम दोनों ही बचते हैं। और हम घंटों में खत्म होने वाले कार्यों को मिनटों में निपटा लेते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही कम्प्यूटर का आविष्कार किया गया।
कम्प्यूटर एक ऐसा मशीनी यंत्र है जो गणना व हिसाब-किताब का कार्य बड़ी शीघ्रता से तथा बिना किसी गलती के करता है। आज कम्प्यूटर हमारे जीवन में और भी ज्यादा उपयोगी बनता जा रहा है। दिन-प्रतिदिन इसकी उपयोगिता बढ़ती जा रही है। वैसे तो वैज्ञानिकों ने और भी गणना करने वाले यंत्र बनाए हैं परन्तु इससे उपयोगी यंत्र कोई नहीं है। क्योंकि जितनी तेजी से यह गणना कर सकता है उतनी तेजी से और कोई यंत्र नहीं कर सकता। कम्प्यूटर को आदेश देने के लिए कमांड्स होती हैं तथा भाषा-निर्देश होते। हैं। जिसकी सहायता से यह अपना कार्य करता है। कम्प्यूटर का मस्तिष्क सारे कार्य संकेतों को गणितीय भाषा में ही व्यक्त करता है। कम्प्यूटर में सारे कार्य सारी बातें रिकार्ड रहती हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर हम पुन: जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। आज बैंकों, डाकघरों में हिसाब-किताब करने, खातों का रिकार्ड रखने के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल हो रहा है। कम्प्यूटर में इंटरनेट के जरिए हमें विदेशों की सूचनाएँ भी प्राप्त हो जाती हैं। तथा हम उनसे सम्पर्क भी रख सकते हैं। इसके अलावा समाचार-पत्र तथा पुस्तकों का प्रकाशन, भवन निर्माण, यातायात के साधन हर प्रकार के डिजाइन निर्माण में कम्प्यूटर ग्राफिक का प्रयोग किया जाता है।
अत: हम कह सकते हैं कि कम्प्यूटर द्वारा मानव का समय व श्रम दोनों ही बच रहे हैं।
निबंध नंबर:- 02
आधनिक टेक्नोलॉजी – कंप्यूटर
Adhunik Technology – Computer
आरंभ में गणित की जटिल गणनाएँ करने के लिए कंप्यूटर का विकास किया गया था। आधुनिक कंप्यूटर के प्रथम सिद्धांतकार चालेंस बैबेज थे जिन्होंने एक भव्य कंप्यूटर की योजना तैयार की थी। दूसरे महायुद्ध के दौरान पहली बार बिजली से चलने वाले कंप्यूटर बने। आज कंप्यूटर संचार और नियंत्रण के भी शक्तिशाली साधन बन गए हैं।
आज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटरों का व्यापक उपयोग हो रहा है। 1971 में माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार हुआ था। माइक्रोप्रोसेसर अपने आप में एक स्वतंत्र लघु कंप्यूटर है। इस आविष्कार ने कंप्यूटरों को छोटा, सस्ता और कई गुना शक्तिशाली बना दिया है। कंप्यूटरों के साथ टीवी स्क्रीन और प्रिंटर जुड़ जाने से इनकी उपयोगिता का खूब विस्तार हुआ है। अब पूरी फाइलें और पूरी पुस्तकें कंप्यूटर में भरने या संचित रखने में कोई कठिनाई नहीं है। और इस संचित सामग्री को कभी भी प्रिंट किया जा सकता है।
आज देश के लगभग सभी बैंकों का कंप्यूटरीकरण हो चुका है। खातों के लेन-देन का हिसाब अब कंप्यूटर से हो रहा है। कंप्यूटर के जरिए दूर के दो देशों के बैंकों के बीच भी लेन-देन का व्यवहार संभव हुआ है। एक कंप्यूटर हजारों किलोमीटर दूर के दूसरे कंप्यूटरों से बातचीत कर सकता है। सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए देश के प्रमुख शहरों को कंप्यूटर नेटवर्क के ज़रिए एक-दूसरे से जोड़ने की और कई व्यवस्थाएँ शुरू हो रही हैं। कंप्यूटर नेटवर्क से अब रेल-यात्रा और हवाई यात्रा का आरक्षण भी होने लगा है।
कंप्यूटर अब सुर सजाने का काम भी करने लगे हैं। पाश्चात्य संगीत के स्वरांकन को कंप्यूटर पर प्रस्तुत करने में अब कोई कठिनाई नहीं है। कंप्यूटर के माध्यम से अब संगीत शिक्षा की नई तकनीक विकसित की जा रही है। बड़े-बड़े कारखानों के काम भी अब कंप्यूटर संभालने लगे हैं। ज्योतिष का धंधा भी आज कंप्यूटर से हो रहा है। विवाह-संबंध जोड़ने का काम भी कंप्यूटर संभाल रहे हैं। और महायुद्ध की तैयारी के लिए भी सुपर कंप्यूटर का विकास किया जा रहा है। आज अमेरिका से हमार देश में सुपर कंप्यूटर आयातित किए जा रहे हैं। भवनों, मोटर गाड़िया और हवाई जहाज़ की डिजाइन आदि का कार्य भी कंप्यूटर से सफलतापूर्वक किया जा रहा है। आज वैज्ञानिक अनुसंधान भी कंप्यूटर से हो रहे हैं।
इस प्रकार आज कंप्यूटर हमारे जीवन के हर क्षेत्र में हमारा सहयोग कर रहा है। इसने हमारे जीवन को अत्यंत सुगम बना दिया है। यह सच आधुनिक टैक्नोलॉजी कंप्यूटर मनुष्य का एक कल्याणकारी आविष्कार है।