Hindi Essay on “Chinti”, “चींटी”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

चींटी

Chinti

 

चींटी एक छोटा सा जीव है। प्राय: यह सभी घरों में मिल जाती है। यह बहुत छोटी सी होती है। परन्तु यह बहुत तेज काटती है। यह खुले स्थानों तथा घरों के कोने में बिल बनाकर रहती है। इनकी भी दो किस्में होती हैं। तथा दो रंगों में पायी जाती हैं। यह काले तथ भूरे रंग में पायी जाती हैं। काली चींटियां काटती नहीं। परन्तु भूरी लाल रंग की चींटी बहुत तेज काटती है। यह मौसम के साथ-साथ बढ़ती घटती रहती है।

सर्दियों में चींटियां प्राय: अपने बिलों में घुसी रहती हैं परन्तु गर्मियों में अपने बिलों से बाहर आ जाती है। यह एक छोटा सा जीव है। इसके सिर पर दो आँखें होती हैं जिसे यह आभास लगा लेती है। और आगे एक मुँह होता है जिससे यह काट खाती है। इसके शरीर के तीन भाग होते हैं। जो कि एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। यह कई आकारों में पाई जाती है कुछ थोड़ी छोटी तथा कुछ चींटियां बड़ी होती हैं। जहाँ भी खाने की वस्तु रखी होती है। वहीं सारी चींटियां पहुँच जाती हैं। यह चींटियां इतनी तेज काटती हैं कि काटा हुआ भाग लाल होकर सूज जाता है।

चींटियों को मीठा खाना बहुत पसंद है। जहाँ भी इन्हें मीठे की खुशबू आती। है वहीं पर कतार बनाकर पहुँच जाती हैं यह भोजन को अपने मुँह में रखकर अपने बिलों में चली जाती हैं। तथा सारी गर्मियों में यह अपना भोजन इकट्ठा करती हैं। तथा सर्दियों के लिए अपने पास बचा कर रखती हैं। चींटियों को मेहनती कहा जाता है क्योंकि

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