बीता समय वापस नहीं आता
Bita Samay Wapas Nahi Aata
प्रत्येक सुंदर प्रभात सुंदर चीजें लेकर उपस्थित होता है, पर यदि हमने कल तथा परसों के प्रभात की किरणों से लाभ नहीं उठाया तो आज के प्रभात से लाभ उठाने की हमारी शक्ति क्षीण होती जाएगी और यही रफ्तार रही तो फिर हम इस शक्ति को बिल्कुल ही गंवा बैठेगे। किसी विद्वान ने ठीक ही कहा है, खोई हुई संपत्ति प्राप्त की जा सकती है, भूला हुआ ज्ञान अध्ययन से प्राप्त हो सकता है, गवाया हुआ स्वास्थ्य लौटाया जा सकता है, परंतु नष्ट किया हुआ समय सदा के लिए चला जाता है। यह बस स्मृति की चीज हो जाता है और अतीत की एक छाया मात्र रह जाता है। संसार के महान विचारकों को चिंता रहती थी कि उनका एक क्षण भी व्यर्थ न चला जाए। हमको भी अमूल्य समय को नष्ट होने से बचाने के लिए कुछ भी उठा न रखना चाहिए। एक-एक क्षण का सदुपयोग करने वाले इन विचारकों का जीवन हजारों नवयुवकों के जीवन का कितना उपहास कर रहा है। ये विचारक समय के छोटे-छोटे टुकड़ों को बचाकर जिस तरह महान हुए, हमको भी उनकी भाँति ही समय का मूल्य जानना चाहिए।