भारत के राष्ट्रीय पर्व
Bharat ke Rashtriya Parv

Hindi-Essays
Essay # 1
भारत विभिन्न जातियों, धर्मों, संप्रदायों तथा रीति-रिवाजों का देश है। अत: यहाँ लोगों के अपने विशिष्ट योहार पर्व एवं उत्सव होते हैं, जिन्हें सभी धर्म-जाति और वर्ग के लोग समान उत्साह से मनाते हैं। सभी राष्ट्रीय पर्व और महापुरुषों की जयंतियाँ या पुण्यतिथियाँ इसी तरह के उत्सव हैं। सांस्कृतिक पर्वो के अवसर पर बाजारों में विशेष चहल-पहल रहती है। ये त्योहार हमारे जीवन में नई ताजगी और स्फूर्ति का संचार करते हैं। भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों को हम मुख्यत: दो वर्गों में बाँट सकते हैं- धार्मिक त्योहार तथा राष्ट्रीय त्योहार धार्मिक त्योहार जैसेहोली, दीपावली, ईद, क्रिसमस, गुरुपर्व आदि को विभिन्न धर्म तथा संप्रदाय के लोग अपने-अपने रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हैं। राष्ट्रीय त्योहार पूरे देश में समान रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं। भारत के प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार हैं- स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंति स्वतंत्रता दिवस, देश की स्वतंत्रता की स्मृति को ताजा रखने के लिए पंद्रह अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। हजारों लोग इस समारोह को देखने के लिए लालकिले पर एकत्र होते हैं। इसी प्रकार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। इस दिन राष्ट्रपति विजय चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं तथा परेड की सलामी लेते हैं। गणतंत्र दिवस की परेड में देश की सैनिक शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। तीनों सेनाओं की टुकड़ियाँ कदम से कदम मिलाती हुई राष्ट्रपति को सलामी देती हुई राजपथ से लालकिले की ओर बढ़ती हैं। 2 अक्टूबर का दिन हम सब गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। ये सभी पर्व हमें एक-साथ मिलकर रहने की प्रेरणा देते हैं। इनसे हमें अपनी परंपरा, राष्ट्रीयता, सुख-समृधि तथा प्रगति की झलक मिलती है। ये पर्व हमें संदेश देते हैं कि हमें आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए और देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन पूरी ईमानदारी, लगन और निष्ठा से करना चाहिए।
भारत के राष्ट्रीय पर्व
Bharat Ke Rashtriya Parv
Essay # 2
विचार-बिन्दु- • पर्व और उनके रूप: जातीय, सामाजिक, राष्टीय आदि • राष्ट्रीय पर्व-उनके मनाने के ढग (स्वतंत्रता दिवस, गुणतंत्र दिवस, महात्मा गाँधी का जन्म-दिवस) • इन पर्वो का संदेश।
भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है। इसके दो राष्ट्रीय पर्व हैं-स्वतंत्रता दिवस और गुणतंत्र दिवस। ये दोनों पर्व भारत में रहने वाला सभी जातियों के लिए एक समान पूजनीय हैं। 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त हुआ था। हमने एक हजार साल बाद आजादी की खुली साँस ली थी। तब से लेकर आज तक हम देशवासी सभी स्कूलों में, सरकारी दफ्तरों में और सार्वजनिक संस्थाओं में उत्सव मनाते हैं। सभी सरकारी और सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। 26 जनवरी का भारतीय संविधान लागू हुआ था। इस दिन सुबह 7. 00 बजे देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं। देश के सभी प्रांतों का रंगबिरंगी झांकियां देश की प्रगति की सूचना देती हैं। 2 अक्तुबर को महात्मा गाँधी का जन्म-दिवस मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न संस्थान और विद्यालय गाँधी जी की याद करते हैं। ये तीनों पर्व हमें संदेश देते हैं-स्वदेश के लिए जियो, स्वदेश के लिए जान लगा दो।