Hindi Essay on “Aids ”, “एड्स”, Hindi Nibandh, Anuched for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

एड्स

Aids 

 

भूमिका- भारत वर्ष में अनेक बिमारियां फैलती रही हैं जैसे प्लेग, हैजा, दमा, चेचक, कैंसर आदि। एक को छोड़कर शेष सभी बिमारियों का इलाज किया जाता है लेकिन अब तो कैंसर का भी इलाज किया है। इन सब बिमारियों में से ख़तरनाक एड्स की बिमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं निकल पाया।

बिमारी की शुरूआत- 20वीं सदी में जिस बिमारी ने सबसे ज्यादा डराया है या जिसके कारण बहुत-सी मौते हुई है- वह एड्स के कारण हुई हैं। इस बिमारी का पूरा नाम एक्यूरड इम्यून डैफी सेन्सी सिन्ड्रोम है। यह बिमारी एच० सक्यूरड इम्यून डैफी सेन्सी सिन्ड्रोम है। यह बिमारी एच० आई० वी० (HIV- Human Immuno Virus) नामक विषाणु द्वारा फैलती है। इस बिमारी से प्रतिरोध करने वाले सफेद सैल ख़त्म हो जाते हैं और मनुष्य की अन्य बिमारियों का शिकार हो जाता है। धीरे-धीरे मनुष्य मौत के मुँह में चला जाता है। एड्स का अभी तक कोई इलाज नहीं है। पूरी तरह बढ़ी एड्स की बिमारी वाला मनुष्य तीन सालों के अन्दर कई तरह के छूत रोगों या कैंसर से मर जाते हैं। एड्स की हल्की किस्म को ए० आर० सी० कहते हैं।

लक्षण- इस बिमारी को शरीर में फैलने के लिए 10 से 15 वर्ष भी लग जाते हैं। पहले जब शरीर में एच० आई० वी० का वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो जोड़ों और पट्ठों में दर्द और बुखार हो जाता है। कई बार बुखार चढ़ता है तो कई बार अपने आप ही उतर जाता है। ऐसे 8-10 वर्षों तक चलता रहता है। यह बिमारी एक से दूसरे को भी हो जाती है। धीरे-धीरे बिमारी से मुकाबला करने की शक्ति कम हो जाती है और मनुष्य कई अन्य बिमारियों का शिकार हो जाता है। कभी-कभी चमड़ी रोग भी हो जाते हैं। यहएक प्रकार का छूत रोग है। यह वायु द्वारा नहीं बल्कि सम्पर्क करने से फैलता है।

कारण- इसका सबसे बड़ा कारण है शारीरिक सम्बन्ध है। जिन स्त्रियों और पुरुषों में इस बिमारी के लक्षण पाए जाते हैं वे जब दूसरे स्त्री या पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं तो यह बिमारी दूसरे में प्रवेश कर जाती है। दूसरा यदि किसी व्यक्ति को गल्ती से खून चढ़ाते समय एच० आई० वी० पोजटिव रक्त चला जाए तो उसे एड्स हो सकती है। तीसरा टीके की संक्रमित सुईयों से भी यह रोग हो जाता है। यह रोग बच्चे का भ्रूण अवस्था में माँ से भी हो सकता है।

इस बिमारी के लक्षण चाहे सबसे पहले अमेरिका में पाए गए। पर यह बिमारी अफ्रीका से शुरू हुई है। अफ्रीका के सभी देशों में इस बिमारी ने अपने पाँव फैला रखे हैं। इस बिमारी के रोगियों से अस्पताल भरे हुए हैं। भारत में यह बिमारी धीरे-धीरे अपने पाँव फैला रही है। पंजाब में यह बिमारी ट्रक ड्राइवरों तथा फौज में काम करने वालों द्वारा आई है। ये लोग घरों से दूर रहने के कारण अपने लिगिंक पूर्ति के लिए दूसरी स्त्रियों के पास जाते हैं और बिमार हो जाते हैं। खून दान करने वालों से या फिर नशेड़ी भी इस बिमारी को फैलाने में भागीदार हैं।

रोक थाम के उपाय- हमें पश्चिमी सभ्यता की नकल नहीं करनी चाहिए। किसी भी पुरुष और स्त्री को विवाह से पहले शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए। विवाह के समय अगर एच० आई० वी० टैस्ट करवा लिया जाए तो कोई नुकसान नहीं है। इस बिमारी की रोकथाम के लिए डाक्टरों के योगदान की आवश्यकता है। सभीखून दान करने वालों का एच० आई० बी० टैस्ट करना चाहिए। डॉक्टर साहिब को सिंज बदल देनी चाहिए। ऐसा करने के लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता होती है। सामाजिक संस्थाओं को भी जागरूक होना चाहिए और जनता को समझाना चाहिए। एड्स रोगी को अपना रोग छिपाना नहीं चाहिए बल्कि डॉ० को बता देना चाहिए और वक्त पर इलाज करवाना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी को इसके प्रति सजग रहना होगा।

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