Hindi Essay “टूटते-बिखरते रिश्ते” 200 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

टूटतेबिखरते रिश्ते 

आज के समाज में सबसे भयावह स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि इंसानी रिश्ते तार-तार हो गए हैं। रिश्तों को तोलने का एक ही तराजू रह गया कि अमुक व्यक्ति से अमुक का कितना स्वार्थ सद्य सकता है। आज परिवार एक-दूसरे के स्वार्थ पूरी न होने के कारण बिखर रहे हैं। संयुक्त परिवार जिसमें दस-पंद्रह सदस्य एक-दूसरे से प्रेम के साथ रहते थे। एक-दूसरे का सुख-दु:ख में साथ देते थे, अब एक-एक होकर बिखर गए हैं। बेटा माँ-बाप से अलग रह रहा है। भाई-भाई को देखकर खुश नहीं है। पति-पत्नी के संबंधों में कड़वाहट इतनी आ गई है कि अलग-अलग रहने लग हैं। परिवारों में ही नहीं दफ्तरों में कर्मचारियों के रिश्ते में खटास आ गई है। यह समाज का घोर पतन हो रहा है। ज़रूरत परिवारों को सुख-दुःख में एक होने की है, जबकि सबके मुँह उत्तर-दक्षिण हो रहे हैं। जब समाज में रिश्ते बिखर रहे हैं तो तब राज्यों और देशों की कौन कहे? लिहाजा जब तक व्यक्ति परस्पर प्रेम के साथ रहते हुए जीवन निर्वाह नहीं करोगा तब तक वह यों ही सामाजिक कड़वाहट महसूस करता रहेगा? ज़रूरत रिश्तों को फिर एक धागे में पिरोने की है।

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