Hindi Biography of “Rajyavardhan Singh Rathore”, “राज्यवर्धन सिंह राठौड़” Birth, Achievements, Records, Career Info, Age, Complete Essay,Paragraph in Hindi.

राज्यवर्धन सिंह राठौड़

Rajyavardhan Singh Rathore

 

जन्म : 29 जनवरी, 1970

जन्मस्थान : जैसलमेर (राजस्थान)

2004 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भारत के प्रथम ओलपिक रजत पदक विजेता बने। भारतीय सेना में लेफ्टीनेन्ट कर्नल राज्यवर्धन सिंह को वर्ष 2003-2004 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया तथा वर्ष 2004-2005 में खेल का सर्वोच्च सम्मान ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया।

अगस्त 2004 में होने वाले एथेंस ओलंपिक में 17 अगस्त को एक नए खिलाड़ी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया, उसने आजाद भारत को पहला ओलंपिक रजत पदक दिलाया। किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में मिलने वाला रजत पदक भारत को राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की बंदूक से मिला। स्वतंत्र भारत में भारत को प्रथम रजत पदक स्वतंत्रता के 57 वर्ष पश्चात मिला।

सबसे ‘लो प्रोफाइल’ शूटर खेल जगत में भारत के लो प्रोफाइल को ‘हाई प्रोफाइल’ बनाने में कामयाब रहा। यूं तो खेल जगत में भारत की पहचान चूकने वाले देश के रूप में बन चुकी है परन्तु मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने यह साबित कर दिखाया कि उनकी बंदूक से निकली गोलियां चूका नहीं करतीं। वह तब भी नहीं चूकती थीं जब राठौड़ 1994 से 96 तक कश्मीर के बरामूला और कुपवाड़ा में आतंकवाद की समस्या से लड़ रहे थे और 17 अगस्त, मंगलवार 2004 को भी डबल ट्रैप में राठौड़ की गोलियाँ नहीं चूकीं।

एथेंस ओलंपिक में भारत को पहला पदक शुटिंग से मिला। यह अलग बात है कि यह पदक उन शूटरों से नहीं मिला, जिनको लेकर बड़े-बड़े दावे किएजा रहे थे।

ओलंपिक इतिहास में भारत का यह चौथा व्यक्तिगत पदक और पहला व्यक्तिगत रजत पदक था। इससे पूर्व पहलवान के.डी. जाधव ने 1952 के हेलसिकी में कांस्य, टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक कांस्य पदक जीते थे।

ओलंपिक में रजत पदक जीतकर 31 वर्षीय मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ओलंपिक पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय निशानेबाज बन गए। राठौड़ ने क्वालीफाइंग राउंड में 135 (16, 13, 16) का स्कोर कर पांचवां स्थान प्राप्त किया। था। लेकिन फाइनल में उन्होंने अपना स्तर उठाते हुए 50 से 44 निशाने साधे और कुल 179 के स्कोर के साथ रजत पदक जीत लिया। संयुक्त अरब अमीरात के अहमद अल मख्तूम ने क्वालीफाइंग दौर में 144 का स्कोर किया था और फाइनल में 45 का स्कोर कर कुल स्कोर 189 पर पहुंचा कर स्वर्ण पदक हासिल किया।

सेना के मेजर राठौड़ ने पदक जीतने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा-‘आर्मी आफिसर इसी काम के लिए होता है, अपने देश को गौरव दिलाने के लिए। राठौड़ अपना पदक लेने के लिए पदक वितरण समारोह में तिरंगा लपेट कर आए।

राज्यवर्धन सिंह का घर का नाम ‘चिली’ है। उसकी पत्नी का नाम डा. गायत्री है। उनका 5 वर्षीय बेटा है-मानव आदित्य और बेटी है-भाग्यश्री। उनकी माँ का नाम मंजु तथा पिता कर्नल लक्ष्मण सिंह हैं। वह दिल्ली में रहते हैं। पदक जीतने पर राठौड़ की पत्नी ने कहा-“यह रजत पदक केवल चिली और उसके परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का है। इसलिए इस सफलता की ज्यादा खुशी है क्योंकि इस खुशी में पूरा देश शामिल है।

1998 में उन्होंने शूटिंग की शुरुआत की थी। जल्दी वह दुनिया के बेहतरीन ट्रैप शूटरों में गिने जाने लगे। पिछले साल 2003 में साइप्रस के शहर निकोसिया में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप का कांस्य जीता था। स्पर्धा के पूर्व राठौड़ ने कहा था-“मैदाने जंग में शूटिंग ओलंपिक पदक जीतने से ज्यादा आसान है। स्पर्धा के माहौल में आपके अंदर का डर बाहर निकल कर आता है। उन्होंने सेना छोड़कर खेल के मैदान में बाजी मारी। उन्होंने अपनी उपलब्धि के बारे में कहा-“हमारे देश में क्रिकेट बहुत महत्त्वपूर्ण है। मुझे भी यह पसन्द है। लेकिन मेरी उपलब्धि से लोग शूटिंग जैसे खेलों में भी आएंगे।”

महज छह वर्ष पूर्व निशानेबाजी में शामिल होकर कड़ी मेहनत से इतनी बड़ी उपलब्धि पाने वाले राज्यवर्धन स्कूली शिक्षा के जमाने से ही बास्केटबॉल, वालीबॉल, क्रिकेट, फुटबाल, कबड्डी और एथलेटिक्स के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और चक्का फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।

जब राज्यवर्धन कक्षा 10 के छात्रा थे तो स्कूल गेम्स फेडरेशन की ओर कांस्य पदक जीते थे।ओलंपिक में रजत पदक जीतकर 31 वर्षीय मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ओलंपिक पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय निशानेबाज बन गए। राठौड़ ने क्वालीफाइंग राउंड में 135 (16, 13, 16) का स्कोर कर पांचवां स्थान प्राप्त किया। था। लेकिन फाइनल में उन्होंने अपना स्तर उठाते हुए 50 से 44 निशाने साधे और कुल 179 के स्कोर के साथ रजत पदक जीत लिया। संयुक्त अरब अमीरात के अहमद अल मख्तूम ने क्वालीफाइंग दौर में 144 का स्कोर किया था और फाइनल में 45 का स्कोर कर कुल स्कोर 189 पर पहुंचा कर स्वर्ण पदक हासिल किया।

सेना के मेजर राठौड़ ने पदक जीतने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा-‘आर्मी आफिसर इसी काम के लिए होता है, अपने देश को गौरव दिलाने के लिए। राठौड़ अपना पदक लेने के लिए पदक वितरण समारोह में तिरंगा लपेट कर आए।

जब राज्यवर्धन कक्षा 10 के छात्रा थे तो स्कूल गेम्स फेडरेशन की ओर से उन्हें स्कालरशिप दी गई थी। इसके बाद एन.डी.ए. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एन. डी.ए.) में भी बास्केटबॉल टीम में शानदार प्रदर्शन किया और अनेक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते जिससे उन्हें एन.डी.ए. के सर्वश्रेष्ठ खेल अवार्ड एन.डी.ए. ब्लेजर से सम्मानित किया गया।

इसके बाद इंडियन मिलिट्री एकेडेमी (आई.एम.ए.) में पहुंचने पर राज्यवर्धन ने वालीबॉल, फुटबाल, क्रिकेट, मुक्केबाजी और वाटरपोलो में स्वर्ण जीते। तब वह वालीबॉल टीम के कप्तान रहे। उन्हें ‘आइ.एम.ए. का ब्लेजर’ पुरस्कार भी दिया गया। इस कोर्स का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होने के कारण उन्हें सिख रेजीमेंट का स्वर्ण पदक भी दिया गया। इसी कोर्स के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ कैडेट घोषित किया गया और ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया गया।

1996 में राज्यवर्धन की शूटिंग की ट्रेनिंग आर्मी मार्समेन इन्फैटरी स्कूल में हुई। फिर उसके बाद दिल्ली के डा. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, तुगलकाबाद में उन्होंने शूटिंग का निरंतर अभ्यास किया।

राष्ट्रीय चैंपियन मुराद अली खान, जो राज्यवर्धन के साथ खेल में पार्टनर भी थे, ने राज्यवर्धन के बारे में कहा-उसका अनुशासन, मेहनत, लगन, आत्मविश्वास और आर्थिक सहायता ही उसे मेडल दिलाने में सफल हुए। राठौड़ ने अपने चयन के बाद बड़े ही वैज्ञानिक तरीके से अभ्यास का कार्यक्रम बनाया था। उसकी सबसे बड़ी खूबी यह भी है कि यह मेहनती शूटर समय बर्बाद किए बिना तुरन्त एक्शन में आ जाता है।

उनकी रुचियों में संगीत सुनना, शिकार करना, बाक्सिंग तथा गोल्फ खेलना है। उसका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा है 191/200। वह अपनी मां तथा पिता से बेहद प्रभावित हैं।

आर्थिक पुरस्कार :

  • राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के रजत पदक जीतने पर अनेक पुरस्कार व अनुदानों की घोषणा की गई, हालांकि ये अनुदान क्रिकेट के सुपर स्टार सचिन को मिलने वाली वार्षिक धनराशि से कहीं कम थे। सचिन को प्रतिवर्ष लगभग 25 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होती है।
  • खेल मंत्रालय ने राठौड़ को 50 लाख रुपये देने की घोषणा की।
  • भारतीय ओलंपिक संघ ने राठौड़ को 11 लाख रुपये दिए।
  • राजस्थान सरकार ने 10 लाख रुपये व 8 लाख रुपये कीमत का फ्लैट देने की घोषणा की।
  • सेना ने राठौड़ को 10 लाख रुपये दिए।
  • एफ एम सी जी मेजर की तरफ से उन्हें 10 लाख रुपये दिए गए।
  • गाजियाबाद जिला प्रशासन की ओर से एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया और उनका अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक तथा औद्योगिक संगठनों ने 10 लाख 41 हजार रुपये उन्हें भेंट किए। इस अवसर पर मेजर राठौड़ का परिवार भी उपस्थित था।
  • राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को सितम्बर 2004 में अर्जुन पुरस्कार’ सेसम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने के लिए मंच पर आए राठौड़ का सबसे अधिक तालियों से स्वागत हुआ, जो उनके नए राष्ट्रीय हीरो की स्वीकृति के रूप में थी। यह पुरस्कार राठौड़ की वर्ष 2003की उपलब्धियों के लिए था।
  • राठौड़ से जब इस पुरस्कार की प्राप्ति पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गईतो उनका कहना था, “मुझे नहीं लगता कि अर्जुन अवार्ड से खिलाड़ी प्रोत्साहित होते हैं। असली प्रेरणा तो मैदान में मिलती है। वहाँ मदददी जानी चाहिए और जब खिलाड़ी आगे बढ़े तो उसे प्रोत्साहन भी मिलना चाहिए, जैसा क्रिकेट के साथ हो रहा है। यह अच्छी बात हैऔर इसे अन्य खेलों के साथ भी होना चाहिए।”
  • उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कारलेना अपने आप में सबसे बड़ा सम्मान है। जब मैं मंच पर गया और तालियों की गड़गड़ाहट से अशोक हॉल गूंज उठा। मेरा सबसे बड़ा सम्मान था राष्ट्रपति से हाथ मिलाना। यह पुरस्कार आपकी उपलब्धियोंको मान्यता प्रदान करता है।
  • “वर्ष 2005 में हीरो होंडा स्र्पोट्स अकादमी ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़को वर्ष 2004 का शूटिंग का श्रेष्ठतम खिलाड़ी नामांकित किया।
  • उन्हें वर्ष 2005 में ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित कियागया। यह पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा प्रदानकिया गया।
  • मेलबर्न में आयोजित 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में राज्यवर्धनसिंह राठौड़ को पेयर्स स्पर्धा में स्वर्णपदक का दावेदार समझा जा रहा था परन्तु अपने लक्ष्य से चूक गए और उन्हें दूसरे स्थान पर रह कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
  • मई 2006 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने काहिरा के आई एस एस एफ वल्र्ड कप में स्वर्ण पदक जीतकर बड़ी कामयाबी हासिल की। साथ ही बीजिंग में 2008 स्वर्ण पदक जीतकर बड़ी कामयाबी हासिल की। साथ ही बीजिंग में 2008 ने वाले ओलंम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया।
  • 9006 में राठौड़ ने कैरो विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता, जो किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं।
  • दिसम्बर 2006 में हुए दोहा एशियाड में उबल टैप स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और पुरुष डबल ट्रैप टीम स्पर्धा में विक्रम भटनागर और रंजन सोढी के साथ मिलकर रजत पदक जीता।

उपलब्धियां :

  • वर्ष 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में मानचेस्टर (इंग्लैण्ड) में दो स्वर्ण पदकप्राप्त किए।
  • आई.एस.एस.एफ. विश्व शाटगन कप, दिल्ली में 2003 में कांस्य पदकप्राप्त किया।
  • 2003 में साइप्रस के निकोसियां में विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में कांस्यपदक जीता।
  • 2004 में सिडनी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता।
  • 2004 में ही चेक मास्टर्स कप (चेक गणराज्य) में स्वर्ण पदक हासिलकिया।
  • 17 अगस्त 2004 को एथेंस ओलंपिक, ग्रीस में रजत पदक प्राप्त किया।
  • उनके रजत पदक जीतने पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजेने मेजर राठौड़ को राज्य सरकार की ओर से 11 लाख रुपये का नकद इनाम व आवास मंडल का साढ़े आठ लाख रुपये कीमत का एकफ्लैट देने की घोषणा की।
  • एशियाई क्ले विज़न प्रतियोगिता, बैंकाक (थाईलैण्ड) में स्वर्ण पदकप्राप्त किया।
  • 2005 में राजीव गाँधी खेल-रत्न’ सम्मान प्रदान किया गया।
  • 2006 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

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