खज़ान सिंह
Khajan Singh
जन्म : 6 मई, 1964
जन्मस्थान : दिल्ली
खज़ान सिंह भारत के सर्वश्रेष्ठ तैराकों में से एक हैं। 1985 के दक्षिण एशियाई फैडरेशन (सैफ) खेलों में काठमांडू में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था
और नया राष्ट्रीय कीर्तिमान भी स्थापित किया। था। खज़ान सिंह को 1984 में अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
भारत के आज तक के अति श्रेष्ठ तैराकों में खज़ान सिंह का नाम बहुत ऊपर आता है। तैराकी की प्रायः सभी प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोई विशेष अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उनके बीच खज़ान सिंह का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है।
खज़ान सिंह ने अपनी प्रथम तैराकी प्रतियोगिताओं में इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि वह सुर्खियों में आ गए। 1981-82 में राष्ट्रीय स्कूल चैंपियनशिप में उन्होंने पांच स्वर्ण पदक जीते।
1982 के राष्ट्रीय जल क्रीड़ा चैंपियनशिप मुकाबलों में खज़ान सिंह ने भाग लिया। दिल्ली में हुए इन मुकाबलों में खज़ान सिंह ने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए पांच स्वर्ण पदक जीते तथा 2 रजत और 1 कांस्य पदक भी जीता।।
राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करके सफलता अर्जित करने के साथ ही खजान सिंह ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छी ख्याति अर्जित की। उन्होंने 1986 में सिओल में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक प्राप्त किया। एशियाई खेलों में आज तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी तैराकी मुकाबले में ऐसा कारनामा नहीं कर सका है।
1985 में काठमांडू में हुए दक्षिण एशियाई फैडरेशन (सैफ) खेलों में खज़ान सिंह ने 100 मीटर फ्री स्टाइल तैराकी में स्वर्ण पदक जीता था और 55.34 सेकंड का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी स्थापित किया था।
खज़ान सिंह ने 1988 के बीजिंग में हुए एशियाई तैराकी चैंपियनशिप मुकाबले में कांस्य पदक जीता था। उन्हें 1984 में अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
उपलब्धियां :
- खजान सिंह ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर तैराकी में जो सफलता प्राप्तकी है, वैसी कोई अन्य भारतीय तैराक हासिल नहीं कर सका है।
- खज़ान सिंह ने 1981-82 में राष्ट्रीय स्कूल चैंपियनशिप में पांच स्वर्णपदक जीते।
- 1982 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खज़ान सिंह ने पांच स्वर्ण, 2 रजततथा एक कांस्य पदक जीता।
- 1985 के सैफ खेलों (काठमांडू) में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। वैसा कोई अन्य भारतीय तैराक नहीं कर सका। सैफ खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर खज़ान सिंह ने 34 सैकड का नया राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया।
- 1988 के बीजिंग एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता।
- 1984 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।