हमारे सामाजिक मूल्य
Hamare Samajik Mulya
आज का यथार्थ-भारतीय समाज आज ऐसे दौर से गुजर रहा है जहाँ सामाजिक मूल्य नकारे जाने लगे हैं। सभी संबंध धन के होकर रह गए हैं। अभी कुछ साल पहले एक प्रसिद्ध व्यापारी की सगे बड़े भाई ने हत्या करवा दी और सुबूत मिटाने के लिए उसकी लाश को खेतों में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। पिछले हफ्ते पुत्र ने पिता की संपत्ति हथियाने के लिए उसे गला घोट कर मार दिया। पिछले महीने ही पली ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को स्वर्गलोक पहुंचा दिया। इस दंपति का विवाह तीन बरस पहले हुआ था। ऐसे समाचार आए दिन प्रकाशित होते रहते हैं कि पिता द्वारा ही बेटी का बलात्कार कर दिया गया। पैसे के लिए मित्र ही मित्र का अपहरण कर लेता है। आए दिन तीन-चार वर्ष की अबोध बच्ची के साथ बलात्कार तक की खबरें छपती रहती हैं। विवाह पूर्व शारीरिक संबंध बनाए जाने की सूचनाएँ निरन्तर बढ़ रही हैं। ये सब घटनाएँ इस ओर संकेत करती हैं कि सामाजिक मूल्यों का जबरदस्त विघटन हुआ है। इसका कारण यह है हमारे सामाजिक संस्कार समाप्त होते जा रहे हैं।