जीवन में हर कदम पर आत्मविश्वास की महत्ता बताते हुए छोटे भाई को पत्र लिखिए।
शिवम कामथ
124 गली न. 4
वडियार कॉलोनी
पालघाट
सितंबर 14, 2014
प्रिय आशीष
स्नेह!
कैसे हो? आशा है तुम सकुशल होगे। यहाँ घर पर सभी ठीक हैं।
प्रिय आशीष, तुम छात्रावास में रह रहे हो। वहाँ तुम्हारी सहायता करने वाला कोई पारिवारिक सदस्य नहीं है। तुम्हें सारे काम खुद ही करने होंगे। इसके लिए आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है। मैंने अनुभव किया कि तुम प्राचार्य से मिलने में बहुत झिझक महसूस कर रहे थे। झिझकने वाले की बात का कोई असर नहीं हुआ करता। तुम्हें अपनी बात बड़े आत्मविश्वास के साथ कहनी चाहिए थी। मेरा सुझाव है कि तुम जहाँ भी जाओ, पहले सोच लो कि तुम जो बात कहने जा रहे हो, वह उचित है। फिर डरने की क्या बात है। अतः अपनी बात पूरे विश्वास से कहो। ऐसा करने से सुनने वाले अधिकारी पर गहरा असर होता है। तुम्हारे काम आसानी से हो जाते हैं।
आशा है कि आगे से तुम किसी से भी मिलोगे तो आत्मविश्वास से मिलोगे।
तुम्हारा अग्रज
शिवम कामथ