Causes and Prevention of Floods “बाढ़ के कारण और निवारण” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph for Class 8, 9, 10, 12 Students.

बाढ़ के कारण और निवारण

Causes and Prevention of Floods

 

जल की अधिकता की स्थिति को बाढ़ कहते हैं । बाढ़ हमारे देश की एक बड़ी प्राकृतिक आपदा है । यह आपदा प्राय: बरसात के दिनों में आती है। किसी स्थान पर होने वाली वर्षा से उस स्थान पर जल की अधिकता हो जाती है । बाढ़ के कारण अरबों रुपयों की संपत्ति बर्बाद हो जाती है । बाढ़ के पानी में डूबकर कुछ लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं । बाढ़ की स्थिति एत संकट की स्थिति होती है।

बाढ़ एक प्राकृतिक समस्या है। लगातार होने वाली वर्षा का जल भूमि सोख नहीं पाती है । जल बहकर तालाबों, बाँधों और नदियों में जमा होने लगता है । लेकिन कुछ समय बाद इन स्थानों में भी जल आवश्यकता से अधिक हो जाता है । जल की अधिकता से तालाब, बाँध और नदियों के तटबंध टूट जाते हैं । बाढ़ का जल तेजी के साथ खेतों और आबादी वाले स्थानों में घुस जाता है । लोगों को अपना घर-बार छोड़कर ऊँचे स्थानों में शरण लेनी पड़ती है।

बाढ़ के कारण भारी नुकसान होता है । किसानों की फसल नष्ट हो जाती है । उपजाऊ जमीन में रेत की चादर बिछ जाती है । मिट्टी का कटाव होने लगता है । पेड़-पौधे उखड़ जाते हैं । मनुष्य व पशु-पक्षियों का जीवन खतरे में पड़ जाता है । पानी घुसने से कच्चे घर ढह जाते हैं । घर की संपत्ति पा। में सड़कर नष्ट हो जाती है । हजारों लोग बंघर हो जाते हैं । लोग शरणार्थी बन जाते हैं । बाढ के समय पीने के साफ पानी का अभाव हो जाता है । रोजगार और काम-धंधे पर बुरा असर पड़ता है । बाढ़ के समय लोग अपने-आप को असहाय महसूस करते हैं । ऐसे में सरकार एवं स्वयंसेवी संगठन उनकी सहायता के लिए आगे आते हैं।

बाढ़ का पानी उतरने पर कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है। गलियों और गड्ढों में पानी के सड़ने से बीमारियाँ फैलती हैं । मच्छरों, कीटाणुओं तथा खतरनाक कीड़ों का तेजी से फैलाव होने लगता है । जल दूषित हो जाता है । लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो जाती है । बहुत से लोग भुखमरी के शिकार हो जाते हैं । लोगों को दूसरों की सहायता पर जीना पड़ता है । कच्चे और कमजोर मकान नष्ट हो जाते हैं । सामान्य स्थिति लौटने में काफी समय लग जाता है।

बाढ़ धीरे-धीरे एक मानवीय समस्या का रूप ले रही है । जंगलों के कटाव से बाढ़ अधिक आने लगी है । हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाकर बाढ़ की अधिकता को रोकने का प्रयास करना चाहिए । बाढ़ रोकने के लिए नदियों पर मजबूत तटबंधों का निर्माण करना चाहिए । लोगों को बाढ़ जैसी स्थितियों का मुकाबला करने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए । सरकार तथा अन्य संस्थाओं को बाढ़ में फंसे लोगों की हर संभव सहायता करनी चाहिए।

हमारे देश में बाढ़ की स्थिति दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है । असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों में हर साल बाढ़ आती है । इसके कारण जान-माल की भारी क्षति होती है । गंगा, कोशी, ब्रह्मपुत्र आदि नदियाँ वर्षा ऋतु में भारी तबाही लाती हैं । उचित जल-प्रबंधन के द्वारा बाढ़ की स्थिति में कमी लायी जा सकती है । बाढ़ आने की समय पर दी जाने वाली सूचना का भी बहुत महत्त्व है । समय पर सूचना मिलने पर लोग सुरक्षित स्थानों में जाकर अपनी जान बचा सकते हैं । बाढ़ से बचने के उपाय ढूँढना हम सबकी जिम्मेदारी है।

 

Leave a Reply