Category: Hindi Stories
बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी Bakre ke Maa kab tek kher Manayegi अमर और लता स्कूल से आकर सीधे दादाजी के पास गए। अमर बोला-“दादाजी, पता …
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद Bander kya jane Adrak ka Swad एक दिन दादीजी सत्संग में महात्मा जी का प्रवचन सुनकर घर आईं तो, दादाजी से बोली-“अजी, …
नाच न आवे आँगन टेढ़ा Nach na Jane Angan Tedha छुट्टी का दिन था। मौसम सुहावना था। दादाजी और घर के सभी लोग पिकनिक मनाने चले गए। बहुत बड़ा …
न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी Na Rahega Bans na Bajegi Bansuri एक दिन पड़ोस में रहने वाले गिरधारीलाल जी दादाजी के पास आकर बैठ गए। कुछ उदास …
धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का Dhobi ka Kutta na Ghar ka na Ghat ka “अजी, सुनते हो?” दादीजी ने दादाजी के पास जाकर कहा-“गाँव से …
दूर के ढोल सुहावने Dur ke Dhol Suhane Lagte Hai अमर के पापा-मम्मी बाजार से घर के लिए महीने-भर का सामान लेकर आए और दादाजी के पास बैठ गए। …
दूध का जला छाछ भी फेंककर पीता है Doodh ka Jala Chanch bhi phunk kar pita hai रात के समय सब लोग एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे। …
थोथा चना बाजे घना Thotha Chana Baje Ghana दादाजी कुछ खा रहे थे। अमर ने पूछा-“दादाजी, आप क्या खा रहे हैं?” “बेटा, भुने हुए चने खा रहा हूँ। लो, …
तेते पाँव पसारिए जेती लंबी सौर Tete pav pasariye jeti lambi Sor एक दिन काम वाली शांतिबाई देर से आई। दादाजी ने पूछ लिया-“क्या हुआ शाति, आज देर कैसे …
तबले की बला बंदर के सिर Table ki Bala Bander ke Sir एक दिन दादाजी अखबार पढ़ रहे थे। दादीजी दाल बीन रही थीं। अमर और लता अपना …